अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का आगाज, राज्यपाल बंडारू ने किया मेले का शुभारंभ

रीना ठाकुर/शिमला: रामपुर बुशहर में आज चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया गया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज शिमला जिला का आगाज किया गया। इस समारोह में उन्होंने लोगों से हिमाचल को नशामुक्त राज्य बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं को व्यापक स्तर पर नशा निवारण अभियान चलाना चाहिए, ताकि समाज और विशेषकर युवाओं को इस बुराई से बचाया जा सके। राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं के लिए जाना जाता है, जहां धार्मिक व पारंपरिक समारोह बड़े उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाये जाते हैं।

उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया और किसानों से सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को और अधिक गति देने पर बल दिया। राज्यपाल ने कहा कि मेले और त्योहार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और यह प्राचीन व पारंपरिक मेलों व त्योहारों की परंपरा को कायम रखने के लिए आवश्यक भी है। उन्होंने कहा कि लवी मेले का अपना ऐतिहासिक महत्व है। यह न केवल व्यापारिक गतिविधियों के लिए, बल्कि पुरातन दीर्घकालीन परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यापार मेले ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाते हैं।

उन्होंने कहा कि यह मेला शताब्दियों से भारत तथा तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मेला रहा है और हिमाचल की प्रसिद्ध, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अद्वितीय उदाहरण रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी इस मेले ने पूर्व परंपरा को बनाये रखा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला तथा राज्य के अन्य क्षेत्रों से आए लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन करेंगे।

दत्तात्रेय ने मेले की समृद्ध संस्कृति को बनाये रखने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बाजार में प्रदर्शित किये गये ऊनी, सूखे मेवे तथा अन्य पारंपरिक शिल्प व उत्पाद अद्वितीय हैं। यह मेला इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करता है।राज्यपाल ने किन्नौरी बाजार, विभिन्न सरकारी विभागों तथा अन्य संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ किया और प्रदर्शनियों में अपनी रूचि दिखाई। उन्होंने बाजार का दौरा भी किया तथा स्थानीय लोगों के साथ वार्ता की। इससे पूर्व, राज्यपाल ने लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की।

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