कांगड़ा: पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने प्रेस वार्ता में कहा कि जयराम सरकार की बेशक निवेश के लिए नियत होगी, लेकिन कोई भी स्पष्ट नीति नहीं है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में निवेशकों से अधिक भाजपा कार्यकर्ता थे। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जितने निवेश के एमओयू हुए हैं, उतना निवेश नहीं होगा। ऐसे में मीट में कहां कितना खर्च हुआ है, उसका श्वेत पत्र सरकार को जारी करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विदेशों से निवेशक बुलाए जा रहे हैं, जबकि स्थानीय निवेशकों को धारा 118 के तहत अनुमति ही सरकार प्रदान नहीं करती है। वहीं निवेशक सम्मेलन में बड़े औद्योगिक घरानों के न आने से 500 करोड़ तक का निवेश कोई भी निवेशक नहीं कर रहा है। ऐसे में बड़े उद्योग न लगने से बेरोजगारों को रोजगार कैसे मिलेगा। उन्होंने यह भी सरकार से पूछा है कि कांगड़ा और चंबा को निवेशक सम्मेलन से कितना लाभ होने वाला है। वह निवेशक सम्मेलन को लेकर सरकार को खुली बहस के लिए तैयार हैं।
प्रचार और प्रसार में जितना खर्च हुआ है, क्या उतना प्रदेश के 15 फीसदी बेरोजगारों को लाभ मिलेगा? प्रदेश में सरकार निवेशकों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान नहीं कर पा रही है। जहां बिजली कट लग रहे हैं, वहीं कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में पांच हजार केवी बिजली की जरूरत है, यह कहां से मिलेगी। सरकार ने हाउसिंग में निवेश करने के लिए निवेशकों से आह्वान किया है। यदि प्रदेश में 15 लाख लोगों की बढ़ोतरी होती है, तो सरकार उन्हें बिजली और पानी मुहैया करवा पाएगी।