- सभी रस्मों और विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह
शिमला: कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी के दिन तुलसी और भगवान शालिग्राम के विवाह का विधान है। इस बार देवउठान एकादशी 8 नवंबर यानि आज शुक्रवार को है। इस दिन जगह-जगह तुलसी विवाह का आयोजन करवाया जा रहा है। ऐसा ही तुलसी विवाह राजधानी शिमला की टूटीकंडी के गीता मंदिर में आयोजित हुआ जिसको देखने का
सौभाग्य हमें भी प्राप्त हुआ। यह तुलसी विवाह टूटीकंडी के स्थानीय निवासी महेंद्र शर्मा व उनकी धर्मपत्नी तारा शर्मा ने करवाया जबकि भगवान शालिग्राम की बारात चन्द्रमोहन शर्मा व उनकी धर्मपत्नी अनुपमा शर्मा सैकड़ों लोगों सहित पहुंचे और उन्होंने सारी रस्में निभाई।
जहाँ तुलसी के पौधे का श्रृंगार कर इसे दुल्हन की तरह सजाया गया था वहीं भगवान शालिग्राम जी की बैंड-बाजे के साथ बारात निकली। जिसमें सैकड़ों स्थानीय लोग सज-धजकर बाराती बने। जो खूब धूमधाम से नाचते गाते हुए तुलसी के आँगन बारात लेकर पहुंचे। जहाँ शानदार तरीके से बारातियों का स्वागत किया गया व वेद के नीचे लग्न और अन्य सभी रस्मों को विधि-विधान के साथ पूरा किया गया।
वहां उपस्थित लोगों ने परिवार सहित विवाह की संपूर्ण विधि के पश्चात तुलसी और भगवान शालिग्राम जी का आशीर्वाद लिया।