बिलासपुर : राज्यपाल ने किया निर्माणाधीन एम्स स्थल का दौरा

  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाला को 15 कंप्यूटर देने की घोषणा
  • राज्यपाल ने बच्चों से देशप्रेम, उनकी रूचि और पढ़ाई से संबंधित अनेक पूछे प्रश्न

बिलासपुर : बिलासपुर जिले के अंतर्गत कोठीपुरा में निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थल का राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज दौरा किया। एन.बी.सी.सी के डीजीएम एन.बी सिंह ने राज्यपाल को एम्स निर्माण स्थल के बारे में पावर पाइंट प्रस्तुति दी। इस अवसर पर, उपायुक्त बिलासपुर राजेश्वर गोयल, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा भी उपस्थित थीं।

राज्यपाल ने बच्चों से देशप्रेम, उनकी रूचि और पढ़ाई से संबंधित अनेक पूछे प्रश्न

राज्यपाल ने बच्चों से देशप्रेम, उनकी रूचि और पढ़ाई से संबंधित अनेक पूछे प्रश्न

उन्होंने एम्स के निर्माणाधीन कार्य पर सन्तुष्टि जताई और कहा कि इससे बिलासपुर शहर का विकास सुनिश्चित होगा। इसके अतिरिक्त युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने निर्माण कार्य समय अवधि में पूर्ण होने की आशा जताई।  राज्यपाल राजकीय वरष्ठि माध्यमिक पाठशाला बाला भी गए और स्कूल की छात्राओं ने अपने कई सवाल राज्यपाल से किये। राज्यपाल ने बच्चों से देशप्रेम, उनकी रूचि और पढ़ाई से संबंधित अनेक प्रश्न किये। उन्होंने बच्चों से सुबह जल्दी उठकर योग व व्यायाम करने और शरीर को स्वस्थ रखने की शिक्षा दी। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल की अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिये प्रेरित किया ताकि उनका समग्र विकास हो सके।

राज्यपाल ने कहा कि आज देश मे हर क्षेत्र में लड़कियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और शिक्षा संस्थानों में ज्यादातर पदक लड़कियां हासिल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि हम नैतिक मूल्यों को जीवन में अपनाएं और राष्ट्रीय के लिये  अपना योगदान दें। राज्यपाल ने एक संदर्भ में कहा कि चाँद पर जाने वाले पहले व्यक्ति यूरी गागरिन एक बार हैदराबाद आये और रूसी भाषा में अपना भाषण दिया, जबकि वह अंग्रेजी जानते थे। लेकिन उन्हें अपनी मातृभाषा से प्रेम था। उन्होंने कहा कि यही जज्बा हम में भी होना चाहिये और हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व महसूस करना चाहिये।

दत्तात्रेय ने बच्चों से महात्मा गांधी, डॉ. भीम राव अम्बेडकर और पूर्व राष्ट्रपति डॉ.. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में प्रश्न किये। उन्होंने कहा कि वे लोग गरीब परिवारों से थे और उन्होंने महान कार्य किये। उच्च मूल्यों को अपनाकर मेहनत से जीवन की हर ऊंचाईंयों को हासिल किया जा सकता है। इसमें गरीबी कभी बाधा नहीं बन सकती। उन्होंने कहा कि ज्ञान ही वह शक्ति है जो कभी नष्ट नहीं होती जबकि धनदौलत तो कभी भी खत्म हो सकती है।

उन्होंने स्कूल के प्रधानाचार्य को निर्देश दिये कि बच्चों को पूछें कि वह जीवन में क्या बनना चाहते हैं और उनकी इच्छा के अनुरूप सहयोग करें। उन्होंने बच्चों को कंप्यूटर में दक्षता के लिये ज्ञान हासिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने स्कूल को 15 कंप्यूटर देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर की शिक्षा रोजगार दे सकती है।

 

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