मुख्यमंत्री की घोषणा: देवी-देवताओं के नजराने और बजंतरियों के भत्ते में की बढ़ोतरी

  • सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न, 281 देवी-देवता हुए शामिल

रीना ठाकुर/कुल्लू : सप्ताह भर चलने वाला अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आज हर्षोल्लास के साथ समाप्त हो गया। कुल्लू ज़िला के विभिन्न भागों से आए 281 देवी-देवताओं ने इस सांस्कृतिक उत्सव में भाग लिया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने लाल चन्द प्रार्थी कलाकेन्द्र कुल्लू में समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए, कुल्लू दशहरा में भाग लेने वाले स्थानीय देवी-देवताओं के नज़राने को पांच प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने देवताओं के दूरी भत्ता को 25 प्रतिशत बढ़ाने की भी घोषणा की।

उन्होंने उत्सव में भाग लेने वाले देवताओं के साथ आए बजंतरियों के पारिश्रमिक को 15 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की तथा हरिपुर व मणिकर्ण दशहरा आयोजन राशि को 75 हजार से एक लाख रुपये, वशिष्ठ दशहरा उत्सव मनाने की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये किया है। उन्होंने कहा कि देवताओं के ‘गुर’ को अलग से एक हजार रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है और प्रत्येक उत्सव में प्रदेश के लोग देवताओं के प्रति अपनी गहरी आस्था रखते हैं तथा देवताओं के आशीर्वाद के बिना प्रदेश के लोगों का जीवन अधूरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग यहां की समृद्ध संस्कृति और रीति-रिवाजों को संजोए रखने के लिए बधाई के पात्र हैं। वर्तमान समय में पूरा विश्व एक वैश्विक गांव में बदल गया है तथा ऐसी स्थिति में भविष्य में पुरातन संस्कृति को संजोए रखना वास्तव में प्रशंसनीय है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि दशहरा उत्सव स्थानीय लोगों को आजीविका उपलब्ध करवाने का अवसर प्रदान करता है और उन्हें अपने उत्पादों को प्रदर्शित करवाने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा के इस सांस्कृतिक उत्सव को देखने के लिए विश्वभर से पर्यटक आते हैं तथा इससे पर्यटन को व्यापक बढ़ावा मिल  रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि कुल्लू दशहरा में कुछ नए आकर्षणों को जोड़ने के साथ-साथ इसके परम्परागत रूप को भी जीवित रखा जाए।

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