वन्य प्राणी जगत को सुरक्षित रखना महत्त्वपूर्ण : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री द्वारा विलुप्त हो रही जीव-जन्तु प्रजातियों के संरक्षण पर बल
  • वन्यप्राणी सप्ताह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया पुरस्कृत

शिमला: पारिस्थितकीय संतुलन को बनाए रखने में वन्यजीवों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है जो प्रकृति की विविध पर्यावरणीय व्यवस्था को बनाए रखते हैं। यह बात गत सायं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य वन्यजीव विंग द्वारा ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में आयोजित वन्यजीव सप्ताह के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्य मंत्री ने कहा कि पुरातन समय से ही भारतीय पौराणिक कथाओं में वन्यजीवों को अत्यधिक महत्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि पक्षियों, पशुओं, यहां तक कि सर्पों को हमारे समाज में पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण और वन्यजीवों का संरक्षण करें। राज्य सरकार प्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्व है। उन्होंने चैहड़ फीजेंट के सफलतापूर्ण संरक्षण के लिए वन्य विभाग के वन्यजीव विंग की प्रशंसा की।   

जय राम ठाकुर ने कहा कि विलुप्त हो रहे पशुओं और पक्षिओं की प्रजातियों के संरक्षण पर अधिक बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी जगत को सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है और मनुष्य का प्राचीन काल से ही वन्य जीवों और पशुओं के साथ गहरा नाता रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का वन्यजीव सप्ताह का ‘थीम’ बर्फीले तेंदुआ पर केन्द्रित था, जोकि प्रदेश का राज्य पशु है।उन्होंने इस अवसर पर नाटक की प्रस्तुति के लिए स्थानीय स्कूलों के दो विद्यार्थियों को 5100-5100 रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने वन्यजीव सप्ताह के आयोजन के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए।

प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डॉ. अजय कुमार ने कहा कि वन्यजीव सप्ताह का आयोजन देश में प्रति वर्ष 2 से 8 अक्तूबर तक पूरे मनाया जाता है। प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी) डॉ. सरिता ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत किया और कहा कि वन्य प्राणी सप्ताह का आयोजन देश के लोगों को वन्य प्राणियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष वन्य जीव सप्ताह का आयोजन बर्फीले तेंदुए के संरक्षण के उद्देश्य से किया गया।

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