हिमाचल को बीबीएमबी परियोजनाओं में बनाया जाए पूर्णकालिक सदस्य : मुख्यमंत्री

रीना ठाकुर/शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पुनः भारत सरकार से मांग की है कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 में संशोधन कर हिमाचल प्रदेश को भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड (बीबीएमबी) परियोजनाओं में पूर्णकालिक सदस्य बनाया जाए ताकि लम्बित मामलों का शीघ्र निपटारा किया जा सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज चण्डीगढ़ में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (एनजैडसी) की बैठक में भाग लेते हुए यह मांग उठाई। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में की गई इस बैठक में विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उत्तरी क्षेत्र के मंत्रियों, भारत सरकार और उत्तरी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने हमेशा राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए देश में विभिन्न प्रकार के बांधों के निर्माण के लिए अपनी उपजाऊ भूमि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार और राजस्थान सरकार के राहत और पुनर्वास अधिकारियों की एक समन्वय समिति गठित की जाए ताकि हिमाचल प्रदेश के पौंग बांध विस्थापितों के पुनर्वास के लिए लम्बित मामलों का समयबद्ध समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय उच्च समिति भी गठित की जाए। जय राम ठाकुर ने केन्द्र सरकार से 5 हेक्टेयर तक की वन भूमि के लिए वन स्वीकृतियां प्रदान करने का अधिकार राज्य सरकार को देने का आग्रह किया ताकि लघु कल्याणकारी योजनाएं समय पर पूरी हो सकें और प्रदेश का विकास वन स्वीकृतियों में देरी से बाधित न हो।

युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त रणनीति बनाई है, जो नशे से निपटने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि केन्द्रीय एजेंसियां सभी राज्यों के साथ नशे के व्यापार से संबंधित जानकारी सांझा करें। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा पर स्थित जिलों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर प्रदेश में नशे के व्यापार पर निगरानी रखी जा सकती है। जय राम ठाकुर ने शीघ्र ही पड़ोसी राज्यों के साथ अन्तर-राज्य सीमा विवादों के समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लेह-लद्दाख के जिला प्रशासन ने हिमाचल प्रदेश के जिला लाहौल-स्पिति में अनाधिकृत कब्जा किया है। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री से इस मामले को शीघ्र निपटाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे अवैध खदानों तथा अनाधिकृत खनन को रोकने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने तथा दोषियों के विरूद्ध सख्ती से कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश द्वारा काफी साल पहले ही पॉलीथीन के बैगों के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था लेकिन दैनिक उपयोग के उत्पादों की पैकिंग के लिए पॉलीथीन का उपयोग किया जा रहा है, जो हिमाचल प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाने में रूकावट बन रहा है। उन्होंने कहा कि आम जनता में प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे जागरूकता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने उत्तर भारत के राज्यों से आग्रह किया कि वे अपने राज्य में प्लास्टिक के बैगों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाकर अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण स्थापित करें ताकि लोगों को प्रदूषणमुक्त वातावरण उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्र हित में हरे पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया है तथा इस प्रकार राष्ट्र में पर्यावरण संरक्षण में अपना भरपूर योगदान दे रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से प्रदेश के सीमित संसाधनों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चल रही सभी परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के भाग के रूप में राज्य की वन क्षतिपूर्ति राशि पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने केन्द्र सरकार से कालका-शिमला, किरतपुर-नेरचौक और पठानकोट-मण्डी राष्ट्रीय राजमार्गों की राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वत्ता को ध्यान में रखते हुए इन फोरलेन परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह भी किया। जय राम ठाकुर ने केन्द्र सरकार से प्रदेश के सीमित संसाधनों को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों की तर्ज पर क्षेत्रीय क्नेक्टिविटी के लिए उड़ान योजना के तहत 90:10 की सुविधा प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने केन्द्र सरकार से मण्डी जिला में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नागचला के निर्माण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने तथा राष्ट्र की सुरक्षा के लिए इसे राष्ट्रीय परियोजना के रूप में घोषित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने चण्डीगढ़-बद्दी रेल लाईन परियोजना को शीघ्र पूरा करने का भी अनुरोध किया।

 

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