जेल प्रशासन जेलों में करें बेहतर सुधार सुनिश्चित, ताकि कैदी समाज के लिए दे सकें अपना योगदान : मुख्यमंत्री (वीडियो)

रीना ठाकुर/शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां जेल और सुधार सेवाएं विभाग द्वारा आयोजित ‘जेलों में कैदियों को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ने’ पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए, समाज के सभी सदस्यों से सहयोग देने और जेल के कैदियों की मदद करने का आग्रह किया ताकि कारावास की अवधि पूरी होने के बाद कैदी सामान्य जीवन जी सकें। इस अवसर पर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएनएल नंद लाल शर्मा, पुलिस महानिदेशक, पूर्व पुलिस महानिदेशक तथा 21 राज्यों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कैदी भी हमारे समाज का हिस्सा हैं और हम सभी को उनके प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैदी और उनके परिवार के लिए जेल में रहने का सामाजिक कलंक स्पष्टीकरण से परे हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य की विभिन्न जेलों में लगभग 2500 कैदी हैं। उन्होंने कहा कि कैदी अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए कानून के अनुसार सजा काट रहे हैं, लेकिन साथ ही यह हमारा कर्तव्य बन जाता है कि उनके परिवार के सदस्यों को कैदी के दुष्कृत्यों के कारण परेशानी न झेलनी पड़े। उन्होंने कहा कि जेल और सुधार केंद्रों में कई कैदी काम कर रहे हैं ताकि वे समाज के लिए सकारात्मक योगदान दे सकें।

मुख्यमंत्री ने जेल और सुधार सेवा विभाग की विभिन्न पहलों जैसे ई-पेशी, ई-जेल साफ्टवेयर्स और वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा की भी सराहना की। उन्होंने जेल प्रशासन से जेलों में बेहतर सुधार सुनिश्चित करने का आग्रह किया ताकि कैदी सम्मानजनक जीवन जीने के अलावा समाज के लिए भी अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि कैदियों के पुनर्वास के लिए और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए ताकि वे कारावास की अवधि पूरी होने के बाद सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों, व्यक्तियों और औद्योगिक घरानों को भी कैदियों के पुनर्वास में सहयोग करना चाहिए।

जय राम ठाकुर ने एक काफी टेबल पुस्तक ‘हर हाथ को काम-ए गेम चेंजर’ का भी विमोचन किया। उन्होंने कैदियों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को ‘प्रशंसा पुरस्कार’ भी प्रदान किए। उन्होंने आशा जताई कि यह दो दिवसीय सम्मेलन जेलों में कैदियों को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ना सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी स्टालों का भी अवलोकन किया और कैदियों द्वारा तैयार वस्तुओं में गहरी दिलचस्पी दिखाई।

इस अवसर पर शिमला बुक कैफे से संबंधित लघु फिल्म भी दिखाई गई।

मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि यह पहला अवसर है कि कैदियों के संबंध में एक सम्मेलन इतनी सकारात्मक उत्साह के साथ आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि जेल के कैदियों के कल्याण के लिए काफी संख्या में उद्यमी काम कर रहे हैं।

कारागार और सुधार सेवाओं के महानिदेशक सोमेश गोयल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत और सम्मान किया। उन्होंने कहा कि जेल और सुधार सेवाओं के विभागों द्वारा जेल के कैदियों के उचित पुनर्वास को सुनिश्चित करना है ताकि वे कारावास का समय पूरा करने के बाद सामान्य जीवन जी सकें। उन्होंने कैदियों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जेल के कैदियों द्वारा विभिन्न प्रकार का सामान तैयार किया जा रहा हैं, जिन्हें विभिन्न केंद्रों में बिक्री के लिए रखा गया है।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *