शिमला में 21 व 22 नबम्वर को सौर ऊर्जा मेला

सौर ऊर्जा परियोजनाओं से सृजित होंगे स्वरोजगार व रोजगार के अवसर

  •  “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर स्वीकृत किए जाएंगे आवेदन 
  • 9 अक्तूबर से 23 अक्तूबर तक प्राप्त किये जाएंगें आवेदन

अंबिका/शिमला: प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। हिमाचल प्रदेश में 28 मैगावाट सौर ऊर्जा के दोहन हेतु हिम ऊर्जा द्वारा एक और योजना को विज्ञाप्ति किया गया है, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा भी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इस योजना के अन्तर्गत कम से कम 250 किलोवाट और अधिकतम 500 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जाएंगी। इन परियोजनाओं की स्थापना से स्वरोजगार और रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा बंजर पड़ी निजी भूमि को भी उपयोग में लाया जाएगा। इन परियोजनाओं की स्थापना निजी भूमि पर की जाएगी। जो सम्भवतः बिजली बोर्ड के सबस्टेशन या वहां से गुजर रही 11 के.वी./ 22 के.वी. लाईन के समीप हों। यदि उपलब्ध निजी भूमि सब स्टेशन से दूर हो तो इस स्थिति में लाईन बिछाने का खर्च एवम् विद्युत हानि आवेदक को वहन करनी होगी। अधिसूचना जारी होने के उपरान्त इन परियोजनाओं की स्थापना हेतु आवेदन/प्रस्ताव आमन्त्रित किए गए हैं।

इन परिेयोजनाओं की स्थापना हेतु निविदा 7.9.2019 को अमर उजाला, दिव्य हिमाचल, इंडियन एक्सप्रैस आदि समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई है। इसके लिए स्थाई हिमाचली निवासी व्यक्तिगत तौर पर आवेदन के लिए पात्र हैं। पार्टनरशिप फर्म तथा प्राइवेट लिमिटेड कम्पनियां भी आवेदन कर सकती है, बशर्ते इनमें स्थायी हिमाचलियों का शेयर 100 प्रतिशत हो।

प्रार्थी/आवेदक को आवेदन पत्र के साथ रुपये 5,000/- (पांच हजार रूपये) आवेदन शुल्क हिम ऊर्जा के खाते में RTGs द्वारा जमा करना होगा।

आवेदन  “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर स्वीकृत किए जाएंगे। आवेदन केवल ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे, जिन्हें हिमऊर्जा की बेबसाइट www.himurja.hp.gov.in के माध्यम से  प्राप्त किया जाएगा। आवेदन करने की प्रक्रिया तथा अन्य औपचारिकताओं की विस्तृत जानकारी हिमऊर्जा की बेबसाईट पर उपलब्ध है। आवेदन प्रपत्र के साथ आवेदक को निजी भूमि की उपलब्धता, धन की उपलब्धता, स्थाई हिमाचली प्रमाण पत्र तथा सब स्टेशन/11 के.वी./22 के.वी. विद्युत लाईन की उपलब्धता बारे उस क्षेत्र के सहायक अभियन्ता का प्रमाण पत्र तथा दस्ताबेज आवेदन के साथ प्रस्तुत करने  होंगे। निजी भूमि उपलब्ध न होने की स्थिति में किसी और व्यक्तियों की निजी भूमि पट्टे पर क्रय की जा सकती है, जिस के लिए उस भूमि मालिकों की सहमति आवेदन के साथ उपलब्ध करवानी होगी। परियोजना की स्थापना हेतु धन की उपलब्धता बारे किसी निजी व्यक्ति, संस्थान या बैंक से धन प्राप्त किया जा सकता है, जिसके लिए सम्बन्धित व्यक्ति, संस्थान या बैंक की सहमति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना होगा।

आवेदन 9 अक्तूबर से 23 अक्तूबर तक प्राप्त किये जाएंगें। आबंटित की जाने वाली कुल क्षमता केवल 28 मैगावाट है, जिसके लिए कम से कम 56 और अधिकतम 112 आवेदन स्वीकार किये जा सकते है। जांच के उपरान्त योग्य पाए गये आवेदकों को आबंटन पत्र जारी किये जाएंगे। हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड सीमित इन परियोजनाओं से उत्पादित ऊर्जा को हि.प्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा आबंटन की तिथि के समय निर्धारित क्रय दर पर अनिवार्य तौर पर क्रय करेगी। प्रति मैगावाट स्थापना लागत रु. 4.00 करोड़ के लगभग आएगी। इसके अनुपात में आवेदन की गई क्षमता की लागत निर्धारित करनी होगी तथा आवेदक को निर्धारित लागत का 75 प्रतिशत राशि दर्शानी होगी।

एक आवेदक को केवल एक परियोजना आबंटित की जाएगी। यदि आवेदक व्यक्तिगत तौर पर या पार्टनरशिप फर्म/प्राइवेट लिमिटिड कम्पनी के माध्यम से एक से अधिक परियोजनाओं के लिए आवेदन करता है, तो उस स्थिति में उसका कुल शेयर 500 किलोवाट से अधिक नहीं होना चाहिए।

परियोजना आबंटित होने पर आबंटी हि.प्र. सरकार या भारत सरकार द्वारा ऋण प्रदान करने हेतु चलाई जा रही किसी भी स्कीम के तहत ऋण ले सकता है। इसके पूर्व पिछले वर्ष 2018 में 20 मैगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगभग 41 आवेदकों को आबंटित की गई थीं।

इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निदेशक, हिमऊर्जा शिमला कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।      

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