शिमला: आईजीएमसी में दो महिला सुरक्षा कर्मियों के बीच हुई लड़ाई के बाद आईजीएमसी अस्पताल में आज काफी हंगामा हुआ। लड़ाई के बाद एक महिला सुरक्षा कर्मी को नौकरी से निकाल दिया गया। जिसके समर्थन में सीटू ने आईजीएमसी में नारेबाज़ी शुरू कर दी और जबरन एमएस के कमरे में घुस गए। सीटू ने खूब हंगामा किया और निकाली गई सुरक्षा कर्मी को वापिस लेने की मांग उठाई। सीटू करकार्यताओं ने काफी देर तक एमएस के दफ़्तर में नारेबाजी की। आईजीएमसी प्रबंधन के आश्वासन के बाद सीटू ने अपना प्रदर्शन बंद किया। सीटू ने आईजीएमसी प्रशासन पर मामले में एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
सीटू के राज्याध्यक्ष विजेंदर मेहरा ने कहा कि आइजीएमसी में बिना कारण सुरक्षा कर्मियों को निकाला जा रहा है । अस्पताल प्रशासन द्वारा कुछ सुरक्षा कर्मियों को संरक्षण दिया जा रहा है और पिछले तीन महीने से 20 कर्मियों को निकाल दिया है।
उधर अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपो को सिरे से खारिज किया। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनक राज ने कहा कि दो महिला सुरक्षा कर्मियों की आपसी लड़ाई है और पुलिस में मामला पुलिस में दर्ज हुआ है और यहां कंपनी के माध्यम से ही सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। अस्पताल प्रशासन किसी से कोई भेदभाव नही किया जा रहा है।
- बाईट: सीटू के राज्याध्यक्ष विजेंदर मेहरा
- बाईट: डॉ. जनकराज, एमएस आईजीएमसी