अंबिका/शिमला: मानसून के दौरान भू-स्खलन, बादल फटने और आकस्मिक बाढ़ से प्रारम्भिक आंकलन के अनुसार मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा राज्य में लगभग 1200 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। उन्होंने मानसून के दौरान प्रदेश में बादल फटने, बाढ़ व भू-स्खलन से हुए नुकसान का मौके पर जायजा लेने चार दिवसीय दौरे पर आई अन्तर मंत्रालय की केन्द्रीय टीम (आईएमसीटी) से चर्चा के दौरान यह बात कही। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, निदेशक एवं विशेष सचिव राजस्व और आपदा प्रबन्धन डी.सी. राणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने आईएमसीटी से प्रदेश को हुए नुकसान के सम्बन्ध में केन्द्र के समक्ष राज्य का पक्ष मजबूती के साथ रखने का आग्रह किया, जिससे राज्य को राहत एवं पुनः निर्माण कार्यों के लिए समुचित सहायता प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के कारण राज्य में मानसून के कारण सरकारी एवं निजी सम्पति को भारी नुकसान होता है और निर्माण व पुनः निर्माण की लागत मैदानी क्षेत्रों से अधिक है।
केन्दीय टीम का नेतृत्व संयुक्त सचिव, आपदा प्रबन्धन, गृह मंत्रालय संजीव कुमार जिन्दल कर रहे हैं और टीम के अन्य सदस्यों में निदेशक व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय थैंगलेमलयन, निदेशक कृषि विभाग बिपुल कुमार श्रीवास्तव, जल संसाधन के निदेशक ओ.पी. गुप्ता, अधीक्षण अभियन्ता, सड़क परिवहन और उच्च मार्ग मंत्रालय विपनेश शर्मा, अवर सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय शालेन्द्र कुमार और सहायक निदेशक ऊर्जा मंत्रालय, सीईए, सेवा भवन नई दिल्ली विक्रम थोराट।