- देश सरकार निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र में चल रहे स्कूलों में शिक्षा को लेकर दोहरे मापदंड नहीं अपना सकती
अंबिका/शिमला: शिक्षा दिवस पर शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने राज्यपाल कलराज मिश्र तथा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का स्वागत करते हुए पुरस्कार पाने वाले सभी 12 शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि डा. राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और प्रख्यात शिक्षक थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए उनका बड़ा योगदान रहा है। हिमाचल प्रदेश में इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी, शिमला को देश के बड़े अध्ययन संस्थान उन्हीं की देन है, जहां अब देश के शिक्षाविद् और विद्वान शोध कार्य करते हैं।
सुरेश भारद्धाज ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पिछले डेढ़ वर्ष की अवधि में 6500 शिक्षकों को नियुक्ति दी है और 1500 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा पर भी बल दे रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि आज शिक्षा क्षेत्र में राज्य मे सबसे अधिक बजट व्यय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए शिक्षा क्षेत्र का अहम् योगदान है जिसके लिए शिक्षक की भूमिका और बढ़ जाती है। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल ने अनेक आयाम स्थापित किए हैं और केरल राज्य के बाद हिमाचल शिक्षा में देश भर में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि अगर प्रवासी श्रमिकों को अलग कर दिया जाए तो राज्य की साक्षरता दर 96 प्रतिशत से अधिक हो जाती है। उन्होंने सरकारी स्कूलों में बच्चों की घटती प्रवेश दर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें और सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर नहीं है। सच्चाई यह है कि देश के उच्च स्थानों तक सरकारी स्कूल से ही निकले विद्यार्थी उच्च पदों पर आसीन हैं। पीजीआई और एम्स के निदेशक इसके ज्वलंत उदहारण हैं।
भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं ताकि शिक्षा का स्तर और ऊंचा किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र में चल रहे स्कूलों में शिक्षा को लेकर दोहरे मापदंड नहीं अपना सकती।