हिमाचल विधानसभा बजट सत्र:  हंगामे के साथ बजट सत्र की शुरूआत, विपक्ष ने किया वाकआउट

विधानसभा मानसून सत्र में उठे आउटसोर्स कर्मियों के मुद्दे पर सवाल

शिमला: विधानसभा मानसून सत्र के दौरान आज प्रश्नकाल में आउटसोर्स कर्मियों के मुद्दे को लेकर विपक्ष द्वारा प्रश्न उठाए गए। कांग्रेस विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, विक्रमादित्य सिंह व नेता विपक्ष के आउटसोर्स को लेकर पूछे गए नियमित और आरक्षण को लेकर सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ शब्दों में आउटसोर्स कर्मचारी को नियमित करने को लेकर किसी भी तरह की पॉलिसी से इनकार किया। उनका कहना था कि इस तरह की कोई नीति बनाने पर सरकार विचार नहीं कर रही है। आउटसोर्स कर्मियों के लिए कोई नीति न बनाए जाने को लेकर कोर्ट के साफ निर्देश हैं। प्रदेश में 12,165 आउटसोर्स कर्मचारी 94 कंपनी द्वारा रखे गए हैं। जिन पर साल में 153 करोड़ का व्यय हो रहा है, जिसमें से 23 करोड़ कंपनियों को जाता है। जयराम ने कहा कि पिछले कई वर्षों से आउटसोर्स पर लोगों को रखा जाता है। सरकार ने बीते एक वर्ष 3100 लोगों को आउटसोर्स पर नियुक्तियां दी हैं।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी का कब तक शोषण होते रहेगा। आउटसोर्स कर्मचारियों  के लिए भी नीति निर्धारण होना चाहिए। क्या सरकार पैसा आउटसोर्स कर्मचारी के खाते में सीधा डालने में विचार कर रही है। सीएम ने जवाब में कहा कि कांग्रेस के समय में 1 जुलाई, 2017 को बनी नीति के आधार पर ही यह सरकार भी काम कर रही है। आउटसोर्स रखने वाली कंपनियों को 18 फीसदी जीएसटी है। 2 से लेकर 10 फासदी सर्विस चार्ज लगता है। सरकार सरकारी नौकरियां भी दे रही है। पीटीए को रेगुलर करने को लेकर भी कांग्रेस सरकार ने एक कार्यक्रम में वादा किया था, लेकिन कैबिनेट में मामले को नहीं लाया गया।

जगत सिंह नेगी ने आउटसोर्स भर्ती पर आरक्षण देने को लेकर सरकार से सवाल किया और सुप्रीम कोर्ट  के निर्देश का हवाला दिया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा विपक्ष आउटसोर्स कर्मचारी के भविष्य को लेकर चिंतित है। नेता विपक्ष ने कहा कि बिचौलिए को बाहर करके सीधा फायदा आउटसोर्स कर्मचारी को देने के लिए सरकार कोई पालिसी बनाए ताकि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण कम हो सके। सीएम ने कहा कि शोषण को कम करने के लिए बड़ी हुई दिहाड़ी दी जा रही है, साढ़े 7 सौ रुपये मासिक बढ़ाया गया है। कंपनियों को कर्मचारी का शोषण नहीं करने दिया जायेगा। शिकायत मिलने पर कंपनी कार्रवाई की जाएगी।

सीएम ने कहा कि आउटसोर्स पर नियुक्ति देने को लेकर कोई पालिसी नहीं है। सरकारी नौकरियों पर सरकार आरक्षण दे रही है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि चुनावों के वक्त बीजेपी नेता प्रेम कुमार धूमल ने आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर बयान दे चुके हैं। अब बीजेपी सरकार बनने के बाद क्यों मुकर रही है। जिस पर सीएम जयराम ने कहा कि चुनावों के समय बीजेपी के किसी नेता ने ऐसी बात नहीं कही थी, लेकिन कांग्रेस ने जरूर पीटीए अध्यापकों के साथ उन्हें नियमित करने का वादा किया था जो आज तक लटका पड़ा है।

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