प्लास्टिक, अवैध कटान और खनन के कारण पर्यावरण को हो रहे नुकसान के प्रस्ताव को लेकर विधायकों ने की चर्चा

  • खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने की आवश्यकता

शिमला: विधानसभा मानसून सत्र के दौरान नियम 130 के अंतर्गत विधायक रामलाल ठाकुर, रमेश धवाला और विक्रम सिंह जरयाल द्वारा सदन में लाए गए प्लास्टिक, अवैध कटान और खनन के कारण पर्यावरण को हो रहे नुकसान के प्रस्ताव को लेकर विधायकों ने चर्चा की और सरकार से पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठाए जाने की मांग की। इसके जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हिमालय की गोद में बसा हुआ है और पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति में हिमाचल अन्य राज्यों से बेहतर है लेकिन इस बात से संतुष्ट होने की बजाय पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। प्लास्टिक, अवैध कटान और खनन के कारण प्रदेश के पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने 2009 में प्लास्टिक के बैग पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाकर कानून बना दिया था। इस दौरान 6,956 लोगों पर कार्रवाई की गई है, जिनसे 48 लाख रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए गए हैं लेकिन लोगों को इस कानून को स्वीकार करने की जरूरत है। प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। सरकार प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम से कम करने को लेकर मैकेनिज्म तैयार कर रही है। इसके अलावा सरकार 2018 में थर्माकोल की प्लेट और गिलास को बंद कर चुकी है ताकि पर्यावरण को साफ-सुथरा रखा जा सके।

सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार देने और पर्यावरण को बचाने के लिए पत्तल को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया है। सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों में प्लास्टिक की पानी वाली बोतलों पर भी प्रतिबंध लगाया है लेकिन फिर भी कई जगह इसका इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण कार्यक्रम भी शुरू किया है तथा 2 लाख पौधे रोपे गए हैं। पेड़ कटान पर सख्ती से रोक लगाई है और अवैध खनन को लेकर सख्ती की गई है। पर्यावरण, वन और माइनिंग विभाग को पर्यावरण संरक्षण नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में खनन माफिया सक्रिय है। बॉर्डर एरिया में खनन माफिया हजारों ट्रक रेत का खनन कर रहा है, जिससे पर्यावरण को नुक्सान हो रहा है। सरकार ने शाम 8 बजे से सुबह 6 बजे तक खनन पर रोक लगा रखी बावजूद इसके खनन हो रहा है। सरकार ने खनन माफिया पर शिकंजा कसने की बात कही है। देखना होगा कि सरकार खनन माफिया पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का पर्यावरण देश-विदेश से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। समाज के सभी वर्गों को पर्यावरण को बचाने के लिए आगे आने की जरूरत है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पौधों को बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने की आवश्यकता है।

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