हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र : सदन से विपक्ष का वॉकआउट

सदन में उठा बीपीएल का मुद्दा, पंचायती राज मंत्री बोले: सरकार का ध्येय गरीब मुक्त हिमाचल

  • नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर उठाए सवाल

शिमला : विधानसभा मॉनसून सत्र के पांचवे दिन सदन में 1 लाख लोगों को बीपीएल से बाहर करने का मुद्दा गूंजा। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने नियम 62 के तहत सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाकर बीपीएल परिवारों की सूची में कटौती पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार जबरदस्ती गरीब लोगों को बीपीएल से बाहर करना चाहती है। सरकार पंचायती राज संस्था के कानूनों को दरकिनार कर रही है और सरकार एक लाख लोगों को बीपीएल से बाहर करना चाहती है। पंचायती राज के नियमों को दर किनार करके यह दिखाना चाहती है कि अब गरीबी खत्म कर दी है और इसके सरकार कई प्रलोभन भी दिए जा रहे हैं।एक कमेटी का गठन भी कर दिया है जो यह निर्णय लेगी की कौन बीपीएल में रहेगा जबकि बीपीएल फैसला ग्राम सभा करती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार प्रदेश में ग़रीबी रेखा की श्रेणी में आने वाले ज़रूरत मंद लोगों को मदद करने की जगह लोगों को जबरदस्ती सरकारी मदद से महरूम रखने का प्रयास कर रही है।सरकार ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि उन सभी परिवारों को जिनकी प्रतिमाह आय 25 सौ रुपये या इससे अधिक है इसे बीपीएल की श्रेणी से बाहर कर दी जाएगी। मुकेश ने कहा कि सरकार के इस फरमान से प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे या जो पहले से गरीब है उनको आर्थिक मार झेलनी पड़ेगी।

वहीं जवाब में पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कांग्रेस हमेशा उल्टा ही सोचती है। सरकार विभिन्न विभागों की योजनाओं को एक साथ जोड़कर लोगों को गरीबी से उभारने का काम कर रही है। प्रदेश सरकार महत्वकांक्षी योजना पर विचार कर रही है। कार्य योजना तैयार है। प्रदेश में 2,82,370 परिवार गरीबी रेखा के नीचे है। सरकार कार्ययोजना के तहत पहले वर्ष में 95,000 परिवारों को इसमें लेगी तथा 2 अक्टूबर को ग्रामसभा तथा ग्रामपंचायत की बैठक गरीब बनने के लिए नही अपितु गरीबी रेखा से उठाने के लिए होगी। सरकार हिमाचल को गरीबी रेखा से मुक्त पहला राज्य बनाना चाहती है।पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नही है। सरकार ने ऐसी कोई अधिसूचना नहीं की है और सरकार प्रदेश के हर व्यक्ति और परिवार की हर संभव मद्दत के प्रति कृतसंकल्प है। पंचायत राज मंत्री ने सदन में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के इस प्रस्ताव को विपक्षी सदस्य गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। जबकि इस योजना के माध्यम से सरकार गरीबों के जीवन सुधार और उसको जन्नत करने की दिशा में प्रयास कर रही है।

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