प्रदेश में भारी बारिश से 27 लोगों की मौत, करीब 574 करोड़ रुपये का नुकसान….

  •  भारी वर्षा से हुए नुकसान की क्षति के बहाली कार्यों के लिए 15 करोड़ जारी
  • सूबे में चार एनएच समेत 1088 सड़कें दूसरे दिन भी बंद रहीं। नदी-नाले अभी भी उफान पर हैं।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते चार नेशनल हाईवे समेत 1088 से सड़के  अभी तक बंद हैं। कई क्षेत्रों में पानी-बिजली की सप्लाई ठप है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मंगलवार को भी बारिश के आसार जताए हैं। भारी बारिश से 27 लोगों की जान गई है और राज्य को लगभग 574 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज जिला उपायुक्तों को शिमला से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि स्थिति से निपटने के लिए चौकसी बरती जाए तथा जरूरतमंद लोगों को तुरन्त सहायता पहुंचाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बहाली कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को 10 करोड़ रुपये, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को 4 करोड़ रुपये और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत् बोर्ड लिमिटेड को एक करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को नुकसान का शीघ्र जायज़ा लेकर राज्य सरकार को तुरन्त रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।

जय राम ठाकुर ने उपायुक्त शिमला को सेब सीजन होने के कारण संबंधित क्षेत्रों की सड़कों की तुरन्त मुरम्मत व बहाली के निर्देश दिए हैं ताकि सेब उत्पादकों को उनके उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने में परेशानी न उठानी पड़े। उन्होंने कहा कि जिन पेड़ों को खतरनाक घोषित किया गया है, उन्हें शीघ्र चिन्हित कर कटवा दिया जाए ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके। उन्होंने सभी उपायुक्तों से जिलों में बिजली, पानी और संचार सुविधाओं के शीघ्र बहाली के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को स्थानीय व पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों से नदियों से दूर रहने का आग्रह किया क्योंकि भारी वर्षा के कारण पानी का स्तर बढ़ने की आशंका रहती है। उन्होंने कहा कि कालका-शिमला और पठानकोट-मण्डी-मनाली जैसे मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों से मलबा और अवरोधों को शीघ्र हटाया जाए ताकि यातायात को सुचारू बनाया जा सके।

उपायुक्त किन्नौर ने बताया कि पिछले दो दिनों से हो रही भारी वर्षा के कारण जिले में लगभग 8 हजार सेब के पौधे बह गए हैं। उपायुक्त सोलन ने कहा कि जिले में नालागढ़ उपमण्डल के अंतर्गत सबसे अधिक क्षति हुई है। उपायुक्त कांगड़ा ने कहा कि जिले में लगभग 250 सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य योजनाओं को भारी वर्षा से नुकसान पहुंचा है, जिनमें से अधिकतर बहाल की जा चुकी हैं और शेष को कल तक बहाल कर दिया जाएगा। उपायुक्त चम्बा ने जानकारी दी कि मणिमहेश यात्रा के दौरान सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। उपायुक्त बिलासपुर ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि पिछले दो दिनों से हो रही वर्षा के कारण जिले में 140 सड़कें प्रभावित हुई हैं और एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। उपायुक्त मण्डी ने कहा कि पर्यटकों व आम यात्रियों की सुविधा के लिए मण्डी-मनाली उच्च-मार्ग को शीघ्र ही खोल दिया जाएगा।

उन्होंने उपायुक्त लाहौल-स्पीति को घाटी में असामयिक बर्फबारी के कारण फसे हुए स्थानीय लोगों और पर्यटकों को शीघ्र सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए।

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