कृषि विज्ञान केंद्र नौणी विवि के दो केवीके ने जीते पुरस्कार

  • केवीके शिमला को मिला हिमाचल के सर्वश्रेष्ठ केवीके का पुरस्कार

अंबिका/शिमला:डॉ॰ वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के अंतर्गत आने वाले दो कृषि विज्ञान केन्द्रों ने जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में इस हफ्ते आयोजित कृषि विज्ञान केन्द्रों(जोन 1) की वार्षिक जोनल कार्यशाला में पुरस्कार जीतकर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। रोहड़ू स्थित जिला शिमला के केवीके ने हिमाचल प्रदेश का ‘सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केंद्र’ का पुरस्कार जीता, जबकि ताबो में स्थित केवीके लाहौल और स्पीति II  ने ‘सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार’ अपने नाम किया। यह दोनों ही कृषि विज्ञान केंद्र नौणी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित है।  इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने दोनों केवीके के वैज्ञानिकों को बधाई दी। निदेशक अनुसंधान डॉ. जेएन शर्मा, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. राकेश गुप्ता और अन्य अधिकारियों और संकाय ने भी दोनों केवीके की टीम को बधाई दी।

कार्यशाला का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (ATARI), लुधियाना द्वारा वर्ष 2017-18 और 2018-19 के दौरान की गई प्रगति की समीक्षा करने और 2019-20 के लिए कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए किया गया था। इस आयोजन में जोन- I के 65 केवीके जिसमें पंजाब के 22, जम्मू-कश्मीर के 21, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के 13-13 केवीके और पांच एटीआईसी ने भाग लिया और छह अलग-अलग तकनीकी सत्रों में अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।

विश्वविद्यालय की टीम का नेतृत्व संयुक्त निदेशक (संचार) डॉ. राजकुमार ठाकुर ने किया। डॉ. एनएस कैथ, प्रभारी केवीके शिमला और डॉ. सुधीर वर्मा, प्रभारी केवीके ताबो ने अपने-अपने केवीके की रिपोर्ट प्रस्तुत की। केवीके शिमला राज्य का एकमात्र केवीके है जिसने इनपुट डीलरों के लिए डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन को सफलतापूर्वक शुरू किया है। जलवायु परिवर्तन परिदृश्य के तहत मध्य पहाड़ियों में आमदनी बढ़ाने के लिए सेब के रंगीन उपभेदों की शुरूआत, फसल विविधता के क्षेत्र में ढिंगरी और विदेशी सब्जियों की खेती और कृषि वाणी पत्रिका की पहल ने केंद्र को राज्य के 13 केवीके में सर्वश्रेष्ठ बनने में मदद की है।

 

 

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