नौकरी में सफलता के सूत्र....

नौकरी में सफलता के सूत्र….

नौकरी में सफलता के पाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। आज हम कुछ ऐसी ही बातों की जानकारी आपको देने जा रहे हैं।

  • कार्य के प्रति अपनी कमियों की तरफ भी ध्यान दें और उनमें समुचित सुधार लाएं।
  • कार्य में सहयोगियों की भी यथासंभव मदद करें।
  • कार्यालय के समय में व्यक्तिगत तथा अन्य फालतू के काम न करें।
  • महिला कर्मचारी व सहयोगी महिलाओं से मर्यादित एवं शिष्ट व्यवहार करें।

    महिला कर्मचारी व सहयोगी महिलाओं से मर्यादित एवं शिष्ट व्यवहार करें।

    अपने अधिकारियों की निंदा कभी न करें। यह एक बुरी आदत मानी जाती है।

  • जब भी उच्च अधिकारियों के पास जाएं तो कागज व पेन साथ रखें, ताकि जरूरी बातें यथासमय नोट कर सकें।
  • अपनी गलती छिपाएं नहीं, न ही अपनी गलती दूसरे पर थोपने का प्रयास करें। अपनी गलती हो तो सहज ही स्वीकार करें।
  • अधिकारियों की गलत या असंगत बातों का तुरंत विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि कुछ समय बाद एक राय या सुझाव के रूप में उन्हें समझाना चाहिए, ताकि अधिकारी के अहम को चोट न पहुंचे।
  •  जब भी अधिकारियों के पास किसी कार्य से जाएं तब उस कार्य की पूरी जानकारी और सूचना साथ रखें, अन्यथा आप वहां शर्मिंदा भी हो सकते हैं।
  • अधिकारियों द्वारा कार्य दिए जाने पर ध्यान से सुनकर, विषय विशेष पर सोच-समझ कर ही कार्य करें।
  • अपने नियत कार्य के साथ-साथ कार्यालय संबंधी अन्य कार्य करने की ओर भी ध्यान दें।
  • अपने सहकर्मियों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करें, अन्यथा आप की छवि अपने सहकर्मियों में गिर सकती है।
  • सभी को बराबर का सम्मान देना व उनके सुख-दुख में शामिल होना ही अच्छे कर्मचारी की पहचान है। इससे आपसी संबंध मधुर बनते हैं, जो सफलतापूर्वक नौकरी करने में सहायक होते हैं।
  • कार्य, मौसम और अवसर के अनुकूल पोशाक पहनें क्योंकि यह आपके व्यक्तित्व की पहचान कराती है।
  • बिना अनुमति के कभी अनुपस्थित नहीं रहना चाहिए। हमेशा पहले अनुमति लेकर या समुतिच प्रार्थना पत्र देकर ही अवकाश पर जाएं।
  • कार्य को कभी अधूरा नहीं छोडऩा चाहिए।
  • यस मैन व प्रशंसकों से दूर रहें। यदि कोई व्यक्ति आपके विचारों से हटकर सुझाव या सलाह दे रहा है, तो उसे ध्यानपूर्वक सुनें, अच्छी लगे तो सहजता से स्वीकार करें।
  • अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सदैव प्रेरित, उत्साहित करें। उन्हें कार्य के अधिकतम अवसर प्रदान करें। बार-बार टोकें नहीं, न ही उनके कार्य में अधिक हस्तक्षेप करें।
  • कार्य की अधिकता होने पर पर न तो चिढ़ें और न ही परेशान हों। प्रत्येक कार्य को उसकी महत्ता तथा प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं।

    कार्यालय के समय में व्यक्तिगत तथा अन्य फालतू के काम न करें।

    कार्यालय के समय में व्यक्तिगत तथा अन्य फालतू के काम न करें।

  • मेहनत, समर्पण भाव तथा वफादारी से कार्य करें तथा अपने कार्य को हमेशा बेहतर ढंग से करने का पूरा प्रयास करें।
  • अपने कार्य को समय पर पूरा करें, भले ही कुछ अतिरिक्त समय लग जाए।
  • गलती होने पर सदैव अपने उच्चाधिकारी को बताएं। छिपाने के प्रयास में दूसरी गलतियां होगी। सही स्थिति मालूम होने पर हालात खराब हो जाते हैं।
  • सहयोगी कर्मचारियों को अपनी कमियां कभी न बताएं। एक प्रकार से यह स्वयं की ही कमजोरी है।
  • अपने कार्यों की सराहना व प्रशंसा स्वयं न करें। यह तो आपकी सफलता का प्राथमिक सोपान है।
  • हर कार्य आत्मविश्वासपूर्वक करें। नये कार्य को सीखने व समझने का प्रयास करें।
  • समय के पाबंद रहें। कार्यालय समय पर पहुंचे, इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अधीनस्थ कर्मचारी, अधिकारी भी नियत समय पर आएंगे।
  • महिला कर्मचारी व सहयोगी महिलाओं से मर्यादित एवं शिष्ट व्यवहार करें।
  • जीवन में चरित्रवान व्यक्तियों को महत्व दिया जाता है, इसलिए सदैव नियमित व संयमित जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए।
  • अपना प्रतिदिन का कार्यक्रम निश्चित रखें। जो-जो कार्य करने हैं, डायरी में उनकी सूची बनाएं तथा जो-जो कार्य हो जाएं उन्हें काटते जाएं। जो कार्य अपने अधीनस्थों को बताने हैं, बताएं तथा उन्हें ऐसे निर्देश दें कि वे कार्यालय छोडऩे से पूर्व उसकी पूरी रिपोर्ट दें।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *