हिमाचल: प्रदेश में 6 दवाओं के सैंपल फिर फेल, देश भर में 20 सेंपल

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्क्रब टाइफस की नि:शुल्क जांच व इलाज

  • प्रदेश में अब तक स्क्रब टाइफस के 220 मामले दर्ज

अंबिका/शिमला: प्रदेश में फैल रहे स्क्रब टाइफस से निपटने की तैयारी व इसके नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आर.डी. धीमान ने आज यहां समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक स्क्रब टाइफस के 220 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें 89 मामलें जिला बिलासपुर, 43 कांगड़ा, 42 हमीरपुर, 20 मंडी, 9 शिमला, 8 सोलन, 6 चम्बा, 1 कुल्लू, 1 किन्नौर तथा 1 मामला सिरमौर में दर्ज किया गया है।

आर.डी. धीमान ने कहा कि  पिछले 3-4 सालों में स्क्रब टाइफस के मामलो में वृद्धि नजर आई है लेकिन समय पर जानकारी और इलाज के चलते, कम लोगों की मृत्यु हुई है।

उन्होंने कहा कि स्क्रब टाइफस बीमारी से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर ही खेतों में जाए क्योंकि स्क्रब टाइफस फैलाने वाला पिस्सू, शरीर के खूले भागों को ही काटता है। उन्होंने कहा कि घरों के आस-पास खरपतवार इत्यादि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तेज़ बुखार जो 104 से 105 डिग्री तक जा सकता है, सिर व जोड़ों में दर्द व कंपकंपी के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना आदि स्क्रब टाइफस के लक्षण हैं। इसके अलावा स्क्रब टाइफस के अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजुओं के नीचे या कुल्हों के ऊपर गिल्टियां भी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि बचाव के बावजूद भी यदि स्क्रब टाइफस हो जाए तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर अपना ईलाज करवाए।

 आर.डी. धीमान ने कहा कि स्क्रब टाइफस बीमारी की जांच व इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है और सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके इलाज के लिए दवाइयों भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

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