पौधा रोपण के बाद उनका संरक्षण व संवर्द्धन सबसे जरूरी : डॉ. साधना ठाकुर

अंबिका/शिमला: वनों की अधिकता से स्वच्छ पर्यावरण तथा शुद्ध जलवायु की प्राप्ति होती है। हमारे पूर्वजों ने हमें अपार वन संपदा विरासत में दी है, जिससे हमें शुद्ध व स्वच्छ वातावरण की सौगात प्राप्त हुई है। अब हमारा भी दायित्व बनता है कि हम अधिक से अधिक वनों को लगाकर पर्यावरण संतुलित बनाने में अपना दायित्व निभाएं। यह विचार आज राज्य रैडक्रास सोसायटी (अस्पताल कल्याण शाखा) की अध्यक्षा डॉ. साधना ठाकुर ने बालिका आश्रम टुटीकंडी में प्रकट किये।

यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश वन विभाग एवं प्रदेश राज्य रैडक्रास सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में 70वें वन महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।

डॉ. साधना ठाकुर ने पौधारोपण करने के उपरांत कहा कि पौधे रोपित करने के बाद उनके संरक्षण व संवर्द्धन के दायित्व का निर्वहन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने रैडक्रास सोसायटी के सदस्यों तथा अन्य विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को पौधारोपण के साथ-साथ पौधों की देखरेख सुनिश्चित करने को कहा।

डॉ. साधना ठाकुर ने बालिका आश्रम टुटीकंडी की छात्राओं से को प्रदान की जा रही सुविधाओं बारे जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं व कन्याओं को सशक्त बनाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा किशोरियों व महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की।

उन्होंने बालिका आश्रम की छात्राओं को आश्वासन दिया कि वर्तमान प्रदेश सरकार उन्हें हर संभव मदद के लिए तत्पर है और महिला सुरक्षा के प्रति सजग है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपना लक्ष्य निर्धारित करें तथा उसकी प्राप्ति के लिए अथक परिश्रम, लग्न, सच्चाई व ईमानदारी से कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में परिश्रम के बलबूते पर ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

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