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कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष का किसानों-बागवानों से आग्रह : चलते-फिरते व्यापारियों को न बेचें अपना कृषि उत्पाद

  • पंजीकृत व्यापारियों/ आढ़तियों से इस वर्ष पूरे प्रदेश में व्यापार के हिसाब से ली जाएगी सिक्योरिटी
  • लाईसेंस का नवीनीकरण करते समय सुनिश्चित किया जाए, कि व्यापारी ने किसानों व बागवानों के सेब की बिक्री का पूर्णतया भुगतान किया है या नहीं

रीना ठाकुर/शिमला: सेब सीजन के दौरान कुछ बिचौलिए/ आढ़ती फल व सब्जियों का व्यापार करने हेतु राज्य के विभिन्न इलाकों में पैर पसार रहे हैं। ऐसे तत्वों पर नज़र रखने और उनके विरूद्ध मण्डी समिति के कर्मचारियों को कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव सिंह भण्डारी ने आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।

बलदेव सिंह भण्डारी ने किसानों-बागवानों से अनुरोध किया है कि वह अपना कृषि उत्पाद चलते-फिरते व्यापारियों को न बेचें। ऐसे व्यापारी जो लाईसेंस के लिए आवेदन करता है, उसके व्यापार के स्थान को प्रमाणित किया जाए कि क्या वह व्यापारी घोषित स्थान पर व्यापार करने योगय है या नहीं? यदि नहीं तो व्यापारी को लाईसेंस जारी न किया जाए।

हिमाचल प्रदेश कृषि एवं उद्यानकीय उपज विपणन अधिनियम, 2005 की धारा 40 के अन्तर्गत सभी औपचारिकताओं को पूर्ण कर मण्डी कृत्यकारियों का पंजीकरण करने के निर्देश दिए है तथा बोर्ड की बैठक में कृषि निदेशक से भी अनुरोध किया है कि ऐसे व्यापारियों/ बिचौलियों के लाईसेंस का नवीनीकरण करते समय सुनिश्चित किया जाए कि उस व्यापारी द्वारा किसानों व बागवानों के सेब की बिक्री का पूर्णतया भुगतान किया जा चुका हो।

बलदेव सिंह भण्डारी ने बताया कि बोर्ड स्तर पर बोर्ड व मण्डी समिति के अन्र्तगत उडऩदस्तों का गठन किया गया है तथा उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वह सुनिश्चित करें कि व्यापारी घोषित स्थान के बाहर फल व सब्जियों का व्यापार तो नहीं कर रहा है। यदि ऐसा है तो उसका लाईसेंस तुरन्त प्रभाव से रद्द करके मण्डी कानून के तहत मौका पर ही जुर्माना वसूल किया जाए।

उन्होंने यह भी बताया कि सम्बंधित मण्डी समितियों को यह हिदायत दी गई है कि वह अधिनियम के अनुरूप ही कार्य करें अन्यथा उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। कुछ पंजीकृत आढ़तियों/ व्यापारियों ने पिछला भुगतान नहीं किया है। पिछले वर्ष शिमला जिला में 208 शिकायतें प्राप्त हुई है जिसमें से 170 शिकायतें सम्बंधित पुलिस थाना में दर्ज करवा दी गई है। जिसमें 22 का निपटारा किया जा चुका है व मु. 89,66,721 लाख रूपए की राशि का भुगतान बागवानों को किया जा चुका है तथा अन्य मण्डी समितियों द्वारा उन दोषी व्यापारियों के विरूद्ध पुलिस में शिकायतें भी दर्ज की गई है तथा प्रदेश सरकार द्वारा दोषी व्यापारियों के विरूद्ध किसानों व बागवानों की अदायगी हेतु एक एसआईटी का गठन भी किया गया है जो कि दोषी व्यापारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगी। ऐसे व्यापारियों के लाईसेंस रद्द करने की प्रक्रिया आरम्भ की जा चुकी है।

भण्डारी ने बताया कि हाल ही में बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सेब व अन्य कृषि उत्पाद के पंजीकृत व्यापारियों/ आढ़तियों से इस वर्ष २०19-20 के लिए पूरे प्रदेश में जिनका व्यापार निम्र प्रकार से है के हिसाब से बतौर सिक्योरिटी ली जाएगी-

  • 1-1.5 करोड़ के व्यापार पर 5 लाख रूपए
  • 15-20 करोड़ के व्यापार पर 10 लाख रूपए
  • 25-50 करोड़ के व्यापार पर 15 लाख रूपए
  • 50-75 करोड़ के व्यापार पर 25 लाख रूपए
  • 75 करोड़ के व्यापार से ऊपर पर 50 लाख रूपए

इसके अतिरिक्त बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि बाहरी राज्यों जो भी लदानी सेब खरीदने हिमाचल प्रदेश में आ रहे हैं पुलिस विभाग से उनका सत्यापन करवाना जरूरी है ताकि किसानों-बागवानों से किसी प्रकार की शिकायतें प्राप्त न हो। टमाटर वजन/किलोग्राम के हिसाब से बिकना चाहिए। क्रेट के अनुसार जो टमाटर बेचा जाता है उसके मापतोल में अन्तर होता है जिससे किसानों को इसके लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। जो भी आढ़ती टमाटर क्रेट के हिसाब से बेचता हुए पाया जाता है उसके खिलाफ अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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