प्राकृतिक आपदा से निपटने को की गई शिमला के चार स्थानों में माकड्रिल

  • माकड्रिल मंडी के सुंदरनगर में 8 डिग्री के रैक्टेयर स्केल की तीव्रता वाले भूकंप की परिकल्पना पर थी आधारित

अंबिका/शिमला: आपदा प्रबंधन व बचाव कार्य के विश्वस्तरीय मापदंडों के आधार पर बहु संस्था समन्वय (मल्टी ऐजेंसी कोआर्डिनेशन) की प्रक्रिया को अपनाकर आज शिमला में मेगा माकड्रिल आयोजित की गई। माकड्रिल मंडी के सुंदरनगर में 8 डिग्री के रैक्टेयर स्केल की तीव्रता वाले भूकंप की परिकल्पना पर आधारित थी, जिसके कारण अन्य जिलों सहित शिमला जिला भी प्रभावित हुआ। शिमला में चार स्थानों को भूकंप से प्रभावित मानकर बचाव व राहत कार्य बारे माकड्रिल की गई।

उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि माकड्रिल में एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, लोक निर्माण, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, विद्युत, राजस्व, बीएसएनएल, नगर निगम, खाद्य एवं आपूर्ति, जिला प्रशासन व अन्य एजेंसियों के समन्वय से आपदा प्रबंधन के दौरान विभिन्न कार्यों को संचालित किया गया। किसी भी तरह की आपदा के दौरान उपजी विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए यह माॅकड्रिल प्रशिक्षण का माध्यम बनी।

उन्होंने बताया कि माकड्रिल सीटीओ बिल्डिंग, लोअर बाजार, ऐजी आफिस तथा आईएसबीटी टूटीकंडी में की गई। जहां भूकंप के बाद भवनों के गिरने, दरारें आने, विद्युत, पानी की आपूर्ति में बाधा आने, सड़के बाधित होने, संचार नेटवर्क ध्वस्त होने से संबंधित विभिन्न परिस्थितियों के दौरान जान व माल की सुरक्षा आपदा प्रबंधन का अभ्यास किया गया।

आपदा प्रबंधन के निर्देशों के अनुरूप जिला आपातकालीन परिचालन कक्ष (डीडीएमए) उपायुक्त कार्यालय परिसर शिमला में बनाया गया है और यहां से उपायुक्त शिमला (रिस्पाॅन्सिबल आॅफिसर) ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के समन्वय से एक्शन प्लान तैयार किया और चैड़ा मैदान में बनाए गए स्टेजिंग एरिया मैनेजर को निर्देश दिए। भूकंप प्रभावित स्थानों के लिए टास्क फोर्स बनाए गए और फिर टास्क फोर्स कमांडर के नेतृत्व में बचाव व राहत कार्य किये गये।

अमित कश्यप ने बताया कि मैगा माकड्रिल के दौरान आपदा प्रबंधन व बचाव कार्य में विभिन्न विभागों के संसाधनों का इस्तेमाल किया गया।

 

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