शिमला: प्रदेश में ऐतिहासिक निर्णय में आपराधिक क्षति मुआवजा बोर्ड ने एसिड अटैक पीड़िता को आठ लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। राज्य के इतिहास में किसी ऐसे पीड़ित को इतनी राशि प्रदान करने का फैसला हुआ है। शिमला जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय बोर्ड ने कहा कि ऐसी घटना ने न केवल पीड़िता के चेहरे पर प्रभाव डाला, अपितु उसे मानसिक आघात पहुंचाने के साथ उसके भविष्य में शादी या रोजगार जैसी संभावनाओं पर भी प्रतिकूल असर डाला।
बोर्ड ने कहा कि चेहरे की बनावट का विघटन व्यक्तिगत पहचान और पहुंच को काफी प्रभावित करता है। कॉस्मेटिक सर्जरी से कुछ हद तक चोटों को ठीक किया जा सकता है। यह उपचार व्यवस्था न केवल जटिल और तनावपूर्ण है बल्कि खर्चीली व पीड़ादायक भी है। इस मामले को असाधारण रूप में लेते हुए बोर्ड ने प्रदेश सरकार को पीड़िता की प्लास्टिक सर्जरी जैसे खर्चे को वहन करने के लिए आठ लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश जारी किए। बोर्ड ने मुआवजा योजना के अनुसार यह मुआवजा दिया है।
बोर्ड के अन्य सदस्यों में जिला मजिस्ट्रेट शिमला, एसपी शिमला और मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला शामिल थे। इस कार्रवाई के दौरान पीड़िता ने बताया कि पूरी घटना और आघात से निपटने के लिए उसे प्लास्टिक सर्जरी जैसे उपाय करने होंगे, जिस पर उसे लाखों रुपये की जरूरत है।
क्या है मामला : 12 जुलाई 2004 को आरोपित विजय कुमार ने बिशप कॉटन स्कूल शिमला के पास बने बस स्टॉप के पास पीड़िता पर कॉलेज जाते समय तेजाब फेंक दिया था। इससे लड़की के चेहरे, बाजू और हाथ पर गंभीर रूप से जलने के निशान पड़ गए। उसे तुरंत इलाज के लिए आइजीएमसी ले जाया गया। वहीं 30 नवंबर 2005 को अदालत ने आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। राज्य में ऐसा पहला मामला होने के नाते हर वर्ग ने इस घटना पर विरोध प्रदर्शन किए थे।