“बच्चे” क्यों करते हैं...“जिद्द”

“बच्चे” हो जाते हैं…“जिद्दी”

बच्चों की जिद्द के पीछे कोई ठोस कारण प्रस्तुत नहीं किए जा सकते क्योंकि सभी बच्चों की रूचियां व भावनाएं भिन्न-भिन्न होती हैं। कोई वस्तु यदि एक बालक के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु है तो दूसरा बालक उसे नकार भी सकता है। हम आपको इस बारे में जानकारी देने जा रहे हैं: आपके बच्चे के स्वभाव से अवश्य मेल खाते होंगे:-

किसी दूसरे बच्चे के पास कोई नई वस्तु देखकर बच्चे मचल जाते हैं क्योंकि वे उसे अपने हाथों में लेकर उस अपना अधिकार जताना चाहते हैं।

जब उनके अधिकार पूर्ति में बाधा आती है तो वे जिद्द पर अड़ जाते हैं।

कई बार माता-पिता लाड़-लाड़ में कोई वस्तु लेकर देने का वादा कर देते हैं और समय आने पर लेकर नहीं देते तो बालक जिद्द में आ जाता है।

कई बार देखादेखी में भी यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। अगर बाजार में एक बच्चा मचल कर मां-बाप से कुछ मांगता है और उसकी जिद्द पूरी कर दी जाती है तो उसी दुकान पर खड़ा दूसरा बालक भी यही तरीका आजमाने को बेताब हो उठता है। सफलता मिले, न मिले जिद्द करने में क्या हर्ज है।

कई बार बच्चे स्कूल नहीं जाना चाहते। स्कूल में अनुशासन का पालन करना उन्हें अच्छा नहीं लगता। इसलिए वे स्कूल न जाने की जिद्द पर अड़ जाते हैं और नित सिर दर्द और पेट दर्द जैसे बहाने रचते हैं।

किशोरावस्था में बालक अपने मित्रों की देखा-देखी नए फैशन के वस्त्र, मोटर-साईकिल, पर्वतीय स्थल की यात्रा आदि जिद्द पर अड़ता है। इस प्रकार समाज में दिखावा व मित्रों पर रौब जमाने की यह जिद्द मां-बाप के लिए सिरदर्दी बन जाती है।

“बच्चे” क्यों करते हैं...“जिद्द”

“बच्चे” क्यों करते हैं…“जिद्द”

बच्चों पर जिद्द के बहुत बुरे प्रभाव

जिद्द करना कोई अच्छी बात नहीं है। इससे हमेशा नुकसान होता है। अक्सर इकलौते बच्चे जिद्दी हो जाते हैं क्योंकि उनकी हर जायज-नाजायज मांग पूरी की जाती है और एक समय ऐसा भी आता है जब वे जिद्द को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने लगते हैं। जिद्द का बच्चों पर माता-पिता पर व उनके जीवन पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। आईए जानें कैसे-

जिद्दी बच्चों की यदि पिटाई की जाए तो वे विद्रोही हो जाते हैं। उनका संपूर्ण व्यक्तित्व ही कुंठित हो जाता है। अक्सर लाड़-प्यार में पलने वाले बच्चे मां-बाप के ऐसे व्यवहार के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होता और कई बार शारीरिक विकृतियों का शिकार भी हो जाते हैं।

जिद्दी बच्चों को भटकाव के रास्ते पर चलने में देर नहीं लगती। वे अपनी ही जिद्द में अपना भविष्य तबाह कर लेते हैं। परिवार से उनका मोह टूटने लगता है और एक दिन वे कहीं के नहीं रहते।

बच्चे की जिद्द मानने से उसके स्वभाव में घमण्ड आ जाता है। उसे लगता है कि वह हमेशा सही होता है इसलिए उसकी हर मांग पूरी की जाती है। चाहे माता-पिता की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जाए किंतु वे बच्चे की जिद्द अवश्य पूरी करते हैं।

अगर बच्चों के जिद्दीपन पर रोक न लगे तो वे अपनी नाजायज मांगें पूरी करने के लिए चोरी भी कर सकते हैं।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *