नई दिल्ली: कोलकाता में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में देश के विभिन्न हिस्सों से डॉक्टर्स बिरादरी आने के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को उनसे संयम बरतने की अपील करते हुये मरीजों की सेवा जारी रखने को कहा। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील करते हुये कहा कि वह इस संवेदनशील मामले को ‘प्रतिष्ठा का मुद्दा’ न बनाएं। और कहा कि इस बारे में उन्हें पत्र लिखेंगे।
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर मंगलवार से ही हड़ताल पर हैं। कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत से नाराज उसके परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टरों पर हमला करके उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिसके बाद से डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
हर्षवर्धन ने कहा कि चिकित्सकों को बुरी तरह से पीटे जाने के बावजूद डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से केवल यही कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए और हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन ऐसा करने की जगह उन्होंने डॉक्टरों को चेतावनी और अल्टीमेटम दे दिया, जिससे देशभर के चिकित्सकों में नाराजगी फैल गई और वे हड़ताल पर चले गए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अगर इस तरह के गंभीर परिदृश्य में मुख्यमंत्री संवेदनशील तरीके से काम करती हैं तो देशभर में मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनायें।’’स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैं डॉक्टरों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। डॉक्टर साथियों से मैं प्रतीकात्मक विरोध के साथ कर्तव्य निर्वाहन करने की अपील करता हूं।
हर्षवर्धन ने साथ ही कहा कि हमारी सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे प्रतीकात्मक विरोध के साथ कर्तव्य निर्वाहन करें। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर होने के नाते मैं आपकी परेशानी को बखूबी समझता हूं।
उल्लेखनीय है कि कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत से नाराज उसके परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टरों पर हमला कर दिया था जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इससे नाराज देश के कई राज्यों में बड़ी संख्या में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल से मुंबई, कोलकाता, नागपुर, पटना, हैदराबाद, वाराणसी समेत कई शहरों में चिकित्सा सेवाएं लगभग ठप पड़ गई हैं। विरोध में अब इस्तीफे भी आने शुरू हो गए हैं और अकेले पश्चिम बंगाल में 43 डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।
वहीं, इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों को बुरी तरह से पीटे जाने के बावजूद उन्होंने सिर्फ सीएम यही कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए और हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन ऐसा करने की जगह उन्होंने डॉक्टरों को चेतावनी और अल्टीमेटम दे दिया, जिससे देशभर के डॉक्टरों में नाराजगी फैल गई और वे हड़ताल पर चले गए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘अगर इस तरह के गंभीर परिदृश्य में मुख्यमंत्री संवेदनशील तरीके से काम करती हैं तो देशभर में मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं।’
उधर, कोलकाता हाई कोर्ट ने भी इस घटना पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए ममता सरकार को फटकार लगाई है। उन्होंने इस संबंध में एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए ममता सरकार को नोटिस जारी करते हुए 7 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। उन्होंने पूछा है कि डॉक्टरों से बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। इसके अलावा उच्च न्यायालय ने ममता से पूछा कि आखिर उनकी सरकार ने अब तक डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं।
भाषा से इनपुट के साथ