शिमला: मुखयमंत्री जयराम ठाकुर और तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार भी कोरोना पॉजिटिव आये हैं। विपिन परमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी है।

स्वास्थ्य मंत्री ने की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए 1160 करोड़ रुपये की मांग

अंबिका/शिमला: तीन दिवसीय नई दिल्ली प्रवास के दौरान स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने केन्द्रीय स्वस्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की और प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत बनाने और चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए 1160 करोड़ रुपये प्रदान करने का आग्रह किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश में सात अन्य ट्रॉमा केन्द्र स्थापित करने के लिए 3 करोड़ रुपये की राशि प्रत्येक केन्द्र के लिए मंजूरी देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण सड़क दुर्घटना से राज्य में मृत्यु दर अधिक है। उन्होंने कहा कि रामपुर ट्रॉमा सेंटर के लिए भी 4 करोड़ रुपये की भी आवश्यकता है।

उन्होंने तीन जिला अस्पताल जो कि मेडिकल कॉलज में परिवर्तित किए गए थे तथा मौजूदा आई.जी.एम.जी शिमला को मजबूत बनाने के लिए 800 करोड़ रुपये की मांग की और कहा कि राज्य में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थान को भी 295 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य के लोगों के लिए मुफ्त डायगनोस्टिक सेवाएं सुविधा प्रदान करने के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट की भी मांग की।

विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश भारत की 70 प्रतिशत जेनेरिक दवाईयों का उत्पादन कर रहा है और बद्दी में ड्रग जाँच लेब स्थापित करने के लिए 15 करोड़ रुपये की पहले से ही स्वीकृति मिल चुकी है हालांकि लेब स्थापित करने के लिए अतिरिक्त 15 करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि कंडाघाट की मिलावट जाँच लेब को भी एफएसएसएआई के वर्तमान मानकों को पूरा करने के लिए 10 करोड़ रुपये के अनुदान की आवश्यकता है।

उन्होंने डॉ. हर्षवर्धन को अवगत करवाया कि राज्य में भारत सरकार का राष्ट्रीय एम्बुलैंस सेवा (एनएएस)-108 के तहत संचालित की जा रही कुल 198 एम्बुलैंस में से 143 एम्बुलैंसो की परिचालन लागत वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थिति के कारण एम्बुलैंस की तादात कम नहीं की जा सकती अथवा उन्होंने अन्य 55 एम्बुलैंसो के संचालन के लिए धनराशि प्रदान करने का अनुरोध किया।

डॉ. हर्षवर्धन ने मांगों को ध्यानपूर्वक से सुना और उन पर गौर करने का आश्वासन दिया।

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