हिमाचल: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 896.23 करोड़ की परियोजनाएं प्रस्तावित

  • अंबिका/शिमला: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रदेश में कृषि क्षेत्र की उच्च विकास के लिए एक प्रमुख योजना
  • योजना में प्रति बूंद अधिक फसल का उत्पादन करके ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि लाने का लक्ष्य

भारत सरकार ने वर्ष 2015 से खेत में पानी की पहुंच का सही उपयोग बढ़ाने के लिए और सुनिश्चित सिंचाई के तहत कृषि क्षेत्र का विस्तार करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को आरंभ किया है। प्रत्येक वर्ष की तरह विभिन्न विभागों द्वारा दिये गये योजना प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, की अध्यक्षता में मंगलवार को एक राज्य स्तरीय स्वीकृत कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में प्रधान सचिव कृषि ओंकार चन्द शर्मा, सचिव वित्त अक्षय सूद, निदेशक कृषि विभाग डॉ. देस राज शर्मा, निदेशक केन्द्रीय जल कमीशन शिमला ओ.पी. गुप्ता, भारत सरकार के सहायक भू-संरक्षण अधिकारी विजय कुमार पवार व विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए प्रधान सचिव कृषि ओंकार चन्द शर्मा ने बताया कि वर्ष 2019-20 के लिए कुल 896.23 करोड़ रुपये की परियोजनाऐं प्रस्तावित हैं जिसमें 791.95 करोड़ रुपये भारत सरकार व 87.99 करोड़ प्रदेश सरकार से 90:10 के रुप में अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये।

कमेटी के उपाध्यक्ष ओंकार चन्द शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रदेश में कृषि क्षेत्र की उच्च विकास के लिए एक प्रमुख योजना है। इस योजना में प्रति बूंद अधिक फसल का उत्पादन करके ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि लाने का लक्ष्य है। इस योजना के अंतर्गत सिंचाई में निवेश में एकरुपता लाना, हर खेत को पानी के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करने के लिए खेतों में ही जल को इस्तेमाल करने की दक्षता को बढ़ाना ताकि पानी के दुरुपयोग को कम किया जा सके, सही िंसंचाई व पानी को बचाने की तकनीक को अपनाना आदि इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं। योजना में विभिन्न विभाग जैसे कृषि, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, बागवानी विभाग व पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग समयबद्ध तरीके से योजनाओं का कार्यान्वयन कर रहे है।

बी.के. अग्रवाल, मुख्य सचिव हि.प्र. ने परियोजनाओं के सहभागी सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि क्रियान्वतित की जा रही सभी परियाजनाओं का समय-समय पर प्रभावी आकलन करवाया जाऐ ताकि परियोजना से लाभान्वित लाभार्थियों के बारे में पता चल सके। इसके अतिरिक्त अध्यक्ष महोदय ने कृषि प्रसार गतिविधियों को परियोजना क्षेत्र के अन्तर्गत प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन करने को कहा ताकि फसल विविधिकरण को बढावा दिया जा सके।

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