प्रदेश में स्वचलित ड्राईविंग टेस्ट ट्रैक्स होंगे स्थापित

  • मुख्य सचिव ने की सड़क सुरक्षा पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता

अंबिका/शिमला: लोक निर्माण विभाग, परिवहन, पुलिस, हिमाचल पथ परिवहन निगम, हिमाचल प्रदेश सड़क एवं अन्य अधोसंरचना विकास निगम (एचपीआरआईडीसी) और अन्य हितधारक विभागों के साथ हुई समीक्षा बैठक की मुख्य सचिव बी के अग्रवाल ने आज यहां अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा प्रदेश में स्वचलित  ड्राईविंग टेस्ट ट्रैक्स भी स्थापित किए जाएंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार राज्य में बेहतर सड़क सुविधा प्रदान करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा चिन्ह्ति 90 ब्लैक स्पॉट में से 71 को लोक निर्माण विभाग द्वारा सुधारा जा चुके है तथा शेष पर कार्य किया जा रहा है। हिमाचल पथ परिवहन निगम ने भी 169 दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान की है, जिसकी सूची आगामी कार्यवाही के लिए लोक निर्माण विभाग को भेज दी गई है। इसके अलावा जीवीके ईएमआरआई (आपातकाल प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान) ने भी राज्य में 505 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए है, जिनमें से लोक निर्माण विभाग द्वारा 200 में सुधार कर लिए गया है।

उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को आरएडीएमएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ब्लैक स्पॉट की पहचान करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि परिवहन विभाग ने 102 कार्यशाला आयोजित की है। उन्होंने कहा कि ड्राईविंग प्रशिक्षण देने वाले स्कूलों को गुणवत्ता में सुधार एवं कानून की अनुपालना के निर्देश दिए गए है।

उन्होंने कहा कि आरएडीएमएस के द्वारा उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में लापरवाही से वाहन चलाना, तेज रफ्तार, नशे में गाड़ी चलाना, फिसलन भरी एवं असमतल सड़क सतह, वाहनों में खराबी, खराब मौसम, बाहरी मोड़ों पर पैराफिट्स का न होना इत्यादि शामिल है। वर्ष 2019 में 93.61 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय गलतियों के कारण हुई हैं। उन्होंने पुलिस विभाग को ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

 

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