रीना ठाकुर/शिमला: हिमाचल प्रदेश में पर्यटन, उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मा और बिजली आदि जैसे क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में उद्यमियों को अपनी इकाईयां स्थापित करने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भारतीय वाणिज्य दूतावास तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा मंगलवार शाम जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में आयोजित ‘रोड शो’ को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रमुख संस्थानों की उपस्थिति से राज्य में प्रतिभा और शैक्षणिक ईको सिस्टम उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से राज्य उद्योगों के लिए कुशल श्रमशक्ति की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि राज्य का ‘ईज ऑफ डुईंग रिफॉर्मज़’ तथा ‘एकल खिड़की अधिनियमों’ में तेजी से विकसित होने वाले राज्यों की श्रेणी में शीर्ष पर होना प्रदेश में निवेशकों को सेवाएं प्रदान करने में कुशलता, पारदर्शिता, समयबद्धता और जबावदेही सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य पर्यटन के क्षेत्र में निवेशकों को पर्यटन, वन्य-जीवन, पर्यावरण, पर्यटन, आध्यात्मिक, स्मारक, धार्मिक, स्कीइंग आदि जैसे अनेक प्रकार के विकल्प प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सततः पर्यटन को अग्रणी वैश्विक सततः पर्यटन गंतव्य के तौर पर स्थापित कर प्रदेश की प्रगति में प्रमुख साधन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 300 फार्मा कंपनियां तथा 700 से अधिक फार्मा फोरमन्यूलेशन निर्माण इकाईयां क्रियाशील है और प्रदेश एशिया के ‘फॉर्मास्युटिकल हब’ के तौर पर जाना जाता है। इसके अतिरिक्त राज्य सेब, पल्म, आडू, किवी, अखरोट और नाशपाति जैसे फलों का प्रमुख उत्पादक है। राज्य में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति के तहत आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है और सरकार ने उद्योग को अधिक आकर्षक व अनुकूल बनाने के लिए हाल ही में उद्योग नीति में संशोधन किए हैं। उन्होंने कहा कि हम पर्यटन, आयुष, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और जल विद्युत जैसे क्षेत्रों में निवेश अनुकूल नीतियां तैयार कर रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा धर्मशाला में आयोजित होने वाली ग्लोबल इनवेसटरर्ज मीट-2019 में भाग लेने के लिए संभावित उद्यमियों को आमंत्रित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इनवेसटरर्ज मीट पर्यटन, आयुष एवं वैलनेस, उत्पादन, फार्मास्यूटिकल, रियल एस्टेट, जल विद्युत, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्रगतिशील क्षेत्रों की वृहद श्रृंखला पर ध्यान केन्द्रित करेगी।