विज्ञान में अनुसंधान भारतीय बौद्धिक विद्वता का महत्वपूर्ण अंग : शिक्षा मंत्री

  • नए उपकरणों की खोज के कारण विज्ञान का विकास सम्भव हो पाया है, जिसमें माईक्रोस्कोपिक टैक्नीक की भूमिका अग्रणी

अंबिका/शिमला: भारत में प्राचीन समय से विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है और उस समय भारत विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में पूरे विश्व को नई राह दिखा रहा था। शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज इलैक्ट्रोन माईक्रोस्कोपी सोसाईटी ऑफ इण्डिया व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इटंरनेश्नल इलैक्ट्रान माईक्रोस्कोप एण्ड अलाईड एनालिटिकल टैक्नीकस-2019 विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित वैज्ञानिकों एवं अन्य को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि विज्ञान में अनुसंधान भारतीय बौद्धिक विद्वता का महत्वपूर्ण अंग रहा है एवं इसी कारण विज्ञान की नई तकनीकों से विज्ञान के विभिन्न खण्डों का विकास सम्भव हुआ है। उन्होंने कहा कि नए उपकरणों की खोज के कारण विज्ञान का विकास सम्भव हो पाया है, जिसमें माईक्रोस्कोपिक टैक्नीक की भूमिका अग्रणी रही है। उन्होंने कहा कि विज्ञान की विभिन्न विधाओं के विकास में माईक्रोस्कोप का विशिष्ट योगदान रहा है। माइक्रोस्कोप के प्रयोग से ही विभिन्न जटिल विषयों के रहस्यों को सुलझाना संभव हुआ है।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भौतिकी तथा रसायन विज्ञान के साथ-साथ जीव विज्ञान के क्षेत्र में माइक्रोस्कोप की खोज ने क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं। परमाणु विज्ञान के क्षेत्र में भी माइक्रोस्कोप का प्रयोग सफल रहा है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार विद्यालय स्तर पर छात्रों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना सुनिश्चित बना रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विद्यालयों को स्मार्ट कक्षाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी नवीन प्रयास कर रही है। तकनीकी शिक्षा सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों में ऐसे विषय एवं पाठ्यक्रम आरंभ किये जा रहे हैं, जो छात्रों को अनुसंधान के साथ-साथ रोजगार के क्षेत्र में लाभ पहुंचाने में सक्षम हों।

उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रोन माइक्रोस्कोप सोसायटी आॅफ इंडिया भारत की एक बड़ी शैक्षणिक संस्था है। यह संस्था आधुनिक तकनीक एवं अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।

सुरेश भारद्वाज ने आशा जताई कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह सम्मेलन वैज्ञानिकों के साथ-साथ छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक सिद्ध होगा। उन्हें यहां न केवल माइक्रोस्कोप तकनीक, इस क्षेत्र में हुई प्रगति तथा विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी अपितु विश्व स्तर पर इस क्षेत्र में हो रही प्रगति की जानकारी भी मिलेगी।

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