शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय पर पीएचडी प्रवेश में धांधली के गंभीर आरोप लगे हैं। एचपीयू में एसएफआई की रिसर्च स्कॉलर इकाई ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में फर्जी तरीके से पीएचडी में प्रवेश दिलाया जा रहा है। इस दौरान इकाई आरटीआई के तहत प्राप्त ऐसे छह मामलों की जानकारी दी। आरोप है कि एचपीयू प्रशासन लगातार गैर-कानूनी तरीकों से व नियमों को दरकिनार करके विवि में अपनी मनमानी कर रहा है।
इकाई के अनुसार विवि का ऑर्डिनेंस 16.13(a) भी यह कहता है कि पीएचडी की न्यूनतम अवधि तीन वर्ष होनी चाहिए लेकिन इन नियमों को दरकिनार किया गया। शोधार्थी छात्र संघ ने मांग की है कि डीएस के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से बर्खास्त किया जाए। संघ ने संघ ने सभी मामलों पर जांच कमेटी गठित करने और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग उठाई। कार्रवाई न होने की स्थिति में कोर्ट जाने की धमकी दी।