हिमाचल: सत्ती बने छठे वित्त आयोग के अध्यक्ष

अनिल शर्मा भाजपा की सदस्यता व विधायक पद से दे त्यागपत्र: सतपाल सिंह सत्ती

  • देश के इतिहास में एकमात्र सुखराम परिवार जो अबतक पांच बार दल बदलता रहा

शिमला: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मण्डी संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ बयानबाजी करके अनिल शर्मा ने पार्टी अनुशासन की सारी सीमाओं का उल्लंघन किया है और पुत्रमोह को पार्टी से ऊपर तरजीह देकर भाजपा के मूल सिद्धान्त “पहले देश, फिर पार्टी और अंत में परिवार“ की भी अवेहलना करके प्रदेश के लाखों कार्यकत्ताओं के दिलों को ठेस पहुंचाई है। यह बात उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही। सत्ती ने कहा कि ऐसी स्थिति में उन्हें पार्टी में बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह जाता है। इसलिए उन्हें नैतिकता के आधार पर तुरन्त भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र देना चाहिए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अनिल शर्मा भाजपा के चुनाव चिन्ह पर विधायक बने थे इसलिये जब उन्हें पार्टी पर विश्वास नहीं है तो उन्हें विधायक पद से भी त्यागपत्र देकर नया जनादेश प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मण्डी की जनता ने भाजपा पर भरोसा करके अनिल शर्मा को विधायक बनाया और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन्हें मंत्री पद देकर मण्डी की जनता के प्रति अपना प्यार जताया था। लेकिन अनिल शर्मा ने परिवारवाद और पुत्रमोह में फंस कर मण्डी की जनता से विश्वासघात किया है।

उन्होंने कहा कि सुखराम का पूरा परिवार शुरू से अवसरवाद की राजनीति करता रहा है और विकास में रूची लेने के बजाय प्रांरम्भ से अपने परिवार के विकास में जुटा है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के इतिहास में एक मात्र एक ऐसा परिवार है जो अबतक पांच बार दल बदलता रहा है। प्रदेश की जनता से ज्यादा अपने परिवार के प्रति निष्ठा रखने वाले इस परिवार को जनता कभी माफ नहीं करेगी।

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