पॉलीहाऊस में फूलों की पौध व सजावटी पौधों का उत्पादन स्वरोजगार का एक अच्छा विकल्प

पॉलीहाऊस में फूलों व सजावटी पौधों का उत्पादन स्वरोजगार का एक अच्छा विकल्प

  • सजावटी फूल-पौधों की मांग में निरंतर वृद्धि
    मौसमी फूलों व सजावटी पौधों का भू-सौंदर्य में महत्वपूर्ण स्थान

पिछले कुछ दशकों में सजावटी फूल-पौधों की मांग में काफी वृद्धि हुई है। हाल ही के वर्षों में पुष्प चहेतों का रूझान भू-सौंदर्य हेतु संकर फूल व पौधों की किस्मों में निरन्तर बढ़ रहा है। संकर बीज के महंगे होने के कारण व खुले वातावरण में कम गुणवता वाली पौध और पौधों से अनेक पुष्प की चाह रखने वाले इनकी उपलब्धता से वंचित रह जाते हैं। मौसमी फूलों व सजावटी पौधों का भू-सौंदर्य में महत्वपूर्ण स्थान है। इन सजावटी फूल-पौधों की उच्च-गुणवत्ता पौध व पौधे वर्ष भर उपलब्ध करवाने हेतु हरित गृह व पॉलीहाऊस तकनीकी की विशेष उपयोगिता है। हरित गृह व पॉलीहाऊस में फूलों की पौध व पौधों के उत्पादन हेतु संक्षिप्त तकनीकी जानकारी इस प्रकार से है:-

  • सर्द ऋतु में उगने वाले फूल

    सर्द ऋतु में उगने वाले फूल

    सर्द ऋतु में उगने वाले फूल : पैंजी, पटुनिया, डायथेंस, डॉग फूल, कैल्सियोलेरिया, डेजी, वरवीना, मिमुलस, गज़ेनिया, क्लैंडुला, आईस फ्लांट, जिप्सोफिला, स्टॉक विनिडियम, गोडेशिया, सैपोनेरिया, लाएनेरिया, लार्कस्पर, क्लार्किया इत्यादि।

  • गमले में उगने वाले सजावटी पत्तियों वाले पौधे : अक्यूबा, रेक्स बिगोनिया, कोलियस, मराण्टा, बोविया, एरूकेरिया, हेडेरा, मौंस्टेरा, मनी प्लांट, फिलोडेंड्रान, पेपरोमिया, एस्पीडिस्ट्रा, एसपैरागस, रहोइयो, ड्रेसिना, निरोजेलिया इत्यादि।
  • ग्रीष्म व बरसात ऋतु में उगने वाले फूल : गैंदा (अफ्रीकन व फ्रेंच) जिनिया, बालसम, चुलाई, सिलोसिया, कोचिया, रूडबेकिया, टोरेनिया, नागर बेल, झुमका फूल, चीनी एस्टर, गौंफरीना, गैलार्डिया, सूरजमुखी इत्यादि।
  • गमले में उगने वाले सजावटी फूल वाले पौधे : अज़ेलिया, कैमेलिया, फयूशिया, जिरेनियम, प्रिमुला, क्लौंच, आर्किड, बेलोपिरोन, बोगेनविलिया इत्यादि।
  • पौध उत्पादन हेतु माध्यम : फूलों की पौध मिट्टी आधारित व मिट्टी रहित माध्यम दोनों में उगाई जा सकती है।
  • मिट्टी आधारित माध्यम के अंश : दोमट् मिट्टी, रेत व पत्तियों की खाद व केंचुआ खाद या सड़ी-गली गोबर खाद बराबर हिस्सों में मिलाएं।
  • मिट्टी रहित माध्यम के अंश : कोकोपीट या पीटमॉस, परलाईट व वर्मीकुलाईट (2:1:1) अनुपात में मिलाएं।
  • माध्यम का शोधीकरण : बुआई से पहले माध्यम को एक भाग फार्मेलिन सात भाग पानी में घोलकर शोधित करें। इसके लिए फफूंद-नाशी कैप्टान 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल से भी शोधित किया जा सकता है।

बीज उपचार व बुआई :
मौसमी फूलों की पौध किस्म व माध्यम अनुसार तीन से छ: सप्ताह में तैयार हो जाती है। संकर किस्मों की बुआई मिट्टी रहित माध्यम में (पोट्रेज में) करना ज्यादा लाभप्रद रहता है। इससे बीज की बचत में बुणवत्तापूर्ण पौध कम समय में तैयार हो जाती है।फूलों के बीज को बुआई से पहले फफूंदनाशी रसायन से उपचारित करना लाभप्रद रहता है। आमतौर पर मुट्ठी भर बीज में चुटकी भर फफूंदनाशी (बैविस्टिन या बेन्लेट) से शोधित करें। बुआई पंक्तियों में 3-5 सैं.मीटर दूरी पर तथा बीज के आकार से लगभग तीन गुणा गहराई तक करें। बीज अंकुरण तक सूखी घास या खस-खस से ढक कर रखें। पानी मौसम अनुसार एक या दो बार सुबह या शाम के समय ही दें। गुणवत्ता पौध उत्पादन हेतु वैज्ञानिक विधि अनुसार कीटों व बीमारियों का निवारण करते रहें।

पॉलीहाऊस व हरितगृह में मातृपौधों का संरक्षण: पॉलीहाऊस व हरितगृह में सजावटी मातृ पौधों का संरक्षण कर मौसम के दुष्प्रभाव जैसे ज्यादा वर्षा, कम व अधिक  तापमान और रोशनी तथा पाले इत्यादि से बचाया जा सकता है। पौधों की बढ़वार व पुष्पन भी पर्याप्त मात्रा में होता रहता है।

सजावटी पौधों का प्रबर्धन : पॉलीहाऊस व हरित गृह की विशेष प्रकार जैसे कुहासा घर यानि मिस्ट-चैम्बर सजावटी पौधों के व्यावहारिक प्रबर्धन हेतु अति उत्तम है। इस विधि से ज्यादातर सजावटी पौधों (अजेलिया, कैूमेलिया, जिरेनियम, फुशिया, अक्यूवा, जूनीपर, बेलोप्रोन, रसेलिया इत्यादि) को शीषार्थ कलमों (8-10 सैंटीमीटर) द्वारा शोधित रेत में 20-25 सैंटीग्रेड तापमान व 80-90 प्रतिशत आद्र्ता में चार से दस सप्ताह में गुणवत्तापूर्ण पौधे तैयार हो जाते हैं।

आधुनिक परिवेश में फूलों की पौध व सजावटी पौधों का उत्पादन स्वरोजगार का एक अच्छा विकल्प

आधुनिक परिवेश में फूलों की पौध व सजावटी पौधों का उत्पादन स्वरोजगार का एक अच्छा विकल्प

आधुनिक परिवेश में फूलों की पौध व सजावटी पौधों का उत्पादन स्वरोजगार का एक अच्छा विकल्प
कुछ सजावटी पौधों जैसे रेक्स बिगोनिया व कलैंचो आदि को इनके पत्तों या पत्तों के छोटे टुकड़ों द्वारा तैयार किया जाता है। कमलों में पूर्णत: जड़ें आने के उपरान्त इन्हें प्लास्टिक की थैलियों में जिनमें चार-पांच छिद्र पर्याप्त पानी निकासी के लिए हों में भरना चाहिए। लगभग 10-15 दिनों तक छायादार जगह में रखने के उपरान्त इन सजावटी पौधों को बिक्री हेतु भेजें। आधुनिक परिवेश में पॉलीहाऊस व हरितगृह में फूलों की पौध व सजावटी पौधों का उत्पादन एक अच्छा स्वरोजगार का विकल्प है क्योंकि इनकी मांग बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है।

साभार : देश राज

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