आचार संहिता लागू होने से नई नियुक्तियों पर लगी रोक, ना ही कोई परीक्षा परिणाम होगा घोषित

  •  ढाई महीने तक रोक

शिमला : हिमाचल प्रदेश की 4 लोकसभा सीटों पर 19 मई को वोट पड़ेंगे और 4 दिन बाद ही, यानी 23 मई को परिणाम घोषित हो जाएगा। वहीं नामांकन 29 अप्रैल तक दाखिल होंगे, जबकि 30 को नामांकन की समीक्षा की जाएगी। 2 मई तक नाम वापिस लिए जा सकते हैं।  इसी के चलते लोकसभा चुनाव के एलान के साथ आदर्श आचार संहिता लागू होने से हिमाचल में ढाई महीने तक कोई नई नियुक्ति नहीं हो सकेगी। 27 मई 2019 से पहले किसी भी भर्ती का परिणाम घोषित नहीं किया जा सकेगा।

सोमवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) देवेश कुमार ने बताया कि इस बारे में सभी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। सीईओ ने कहा कि अधिसूचित हो चुकी भर्तियों की प्रक्रिया जारी रह सकती है। सभी निर्माण एजेंसियों से विभिन्न निर्माण कार्यों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है ताकि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर इन्हें परखा जा सके।

सॉफ्टवेयर की मदद से 70 हजार कर्मियों में से  43,400 को चयनित कर चुनावी ड्यूटी पर लगाया जाएगा। कर्मियों की तैनाती के वक्त ध्यान रखा जाएगा कि वे लोकल में तैनात न हों। उनका स्थानीय निवास या गृह विधानसभा क्षेत्र भी नहीं होना चाहिए।

चुनावों के दौरान पुलिस की ओर से नोडल अधिकारी व एडीजी कानून व्यवस्था एसबी नेगी ने बताया कि सुरक्षा प्लान तैयार किया गया है। केंद्रीय पुलिस बलों की 42 कंपनियां केंद्रीय चुनाव आयोग से मांगी गई हैं।

सभी 99 स्टेट बैरियरों को सीसीटीवी से लैस किया जाएगा। प्रदेश के 773 पोलिंग बूथों पर वेब कास्टिंग की जाएगी। चुनाव में साढ़े बारह हजार पुलिस कर्मी व साढ़े छह हजार होमगार्ड जवान तैनात किए जाएंगे।

चुनाव के दौरान प्रत्याशी 70 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। जमानत राशि को आयोग ने 25 हजार रुपये निर्धारित किया है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों के लिए यह राशि आधी होगी।

रात दस बजे से सुबह छह बजे तक लाउड स्पीकरों का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। विज्ञापन व बैनर के लिए प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। हर चुनाव अधिकारी के कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है, जहां जानकारी लेने के साथ ही शिकायत भी दर्ज कराई जा सकेगी।

खर्च निगरानी के लिए मैकेनिज्म तैयार किया गया है। खर्च निगरानी के लिए 206 फ्लाइंग स्क्वाएड के अलावा 70 वीडियो सर्विलेंस टीम और 13 एमसीएमसी टीमें गठित की गई हैं।

चुनावी प्रक्रिया के दौरान मंत्री या नेता किसी भी रूप में किसी तरह की वित्तीय मंजूरी या आश्वासन नहीं दे सकेंगे। इसके अलावा किसी तरह की परियोजनाओं व स्कीमों के लिए आधारशिला, सड़कों व पीने के पानी की सुविधाएं देने का भी एलान नहीं कर सकेंगे। इस दौरान शासन किसी भी सरकारी उपक्रम में नियुक्ति भी नहीं कर सकेगा। प्रदेश में आचार संहिता लागू रहने तक रूटीन के कार्य होंगे। ऐसे में अफसर के पास पुराने कार्यों की समीक्षा करने में समय रहेगा।

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