घर-द्वार लोगों की समस्याओं का निपटारा कर रहा जनमंच

प्रदेश सरकार राज्य के लोगों की शिकायतों और समस्याओं का उनके घर-द्वार के निकट समाधान सुनिश्चित बनाने के लिए प्रयासरत है, इसी उद्देश्य के मद्देनजर राज्य सरकार ने एक महत्त्वकांक्षी कार्यक्रम जनमंच 3 जून, 2018 को आरंभ किया। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य जनता से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान करना है।

यह कार्यक्रम प्रत्येक जिले के एक विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को आयोजित किया जा रहा है, जिसकी प्रदेश सरकार के मंत्री अध्यक्षता करते हैं। इस दौरान जिले के समस्त अधिकारी मौके पर जन समस्याओं के समाधान के लिए उपस्थित रहते हैं। कार्यक्रम की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री स्वयं जनमंच की निगरानी कर रहें है।

जनमंच के दौरान नागरिक सेवा संबन्धी विभिन्न प्रमाण पत्र, रसोई गैस वितरण, जलापूर्ति व अन्य सरकारी योजनाओं के प्रगति की समीक्षा जैसे कार्य भी किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन तीन स्तरों पर किया जा रहा है। प्रथम स्तर पर पूर्व जनमंच की तैयारी के अंतर्गत जनमंच का प्रचार, शिकायतों का पंजीकरण, स्वच्छता अभियान, स्वास्थ्य कैंप, योजनाओं का निरीक्षण इत्यादि किया जाता हैं। जनमंच में लोग अपनी मांगों एवं शिकायतों बारे ऑनलाईन आवेदन कर सकते है तथा जनमंच और ई-समाधान के मध्य समन्वय स्थापित कर आईटी पोर्टल विकसित किया गया है। इसके माध्यम से इन मांग पत्रों और शिकायतों का ऑनलाईन निपटारा किया जा रहा है।

जून, 2018 को आरंभ किए गए जनमंच कार्यक्रम में अभी तक 65 विधासभा क्षेत्रों में 126 जनमंच आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें लगभग 30 हजार से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 27 हजार से अधिक शिकातयों व मांग पत्रों का मौके पर समाधान किया गया है।

जनमंच का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए आरंभ की गई योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ ऐसी प्रणाली विकसित करना है, जिसके लिए लोगों को सरकारी कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े बल्कि उनकी समस्याओं व शिकायतों का उनके घर-द्वार पर ही समाधान हो सके।

प्रायः यह देखा गया है कि आम लोगों को कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने व वित्तीय सुविधाएं प्राप्त करने में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिस कारण उन्हें विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते है, जिससे आम जनता के समय व धन दोनों की बर्बादी होती है। इसी उद्देश्य को मद्देनज़र रखकर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस महत्त्वकांक्षी कार्यक्रम की परिकल्पना कर लागू करने का निर्णय लिया, जिससे सरकार का लोगों से सीधा संवाद स्थापित हो सके।

जनमंच की लोकप्रियता व लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़े जिलों कांगड़ा, मण्ड़ी तथा शिमला में प्रत्येक माह में दो बार जनमंच कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। यही नहीं मुख्यमंत्री स्वयं जिला स्तर पर आयोजित होने वाले जनमंच कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेंगे।

जनमंच कार्यक्रमों में राज्य की आम जनता ने विशेष रूप से अपनी रुचि दिखाई है, जिससे लोगों की प्रशासन से आशाओं और आकांक्षाओं का पता चलता है। जनमंच की सफलता को देखते हुए कहा जा सकता है कि सरकारी योजनाओं में जनता की यदि सक्रिय भूमिका रहे तो बदलाव आने से कोई नहीं रोक सकता।

प्रदेशवासियों को जनमंच के रूप में सरकार से सीधे संवाद का जो सशक्त माध्यम मिला है उसका सदुपयोग किया जाना चाहिए। यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में यह जनमंच कार्यक्रम सामाजिक परिवर्तन का संवाहक बनेगा और लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में अपनी अह्म भूमिका निभाएगा। जनमंच की सफलता को देखते हुए कई अन्य राज्य भी इसे अपनाने पर विचार कर रहे हैं तथा राष्ट्रीय स्तर पर केन्द्रीय नेतृत्व ने भी इसे सराहा है।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *