शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा से डिजिटल रूप से बिहार में 1320 मेगावाट के बक्सर थर्मल पावर प्लांट की आधारशिला रखी। यह परियोजना ग्रीन फील्ड सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित है। परियोजना को एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन थर्मल प्राईवेट लिमिटेड के जरिए निर्मित की जा रही सूपर क्रिटीकल 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत परियोजना पर जनवरी,2018 मूल्य स्तर पर 10439 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी।
चौसा, बक्सर, बिहार में शिलान्यास समारोह माननीय केन्द्रीय विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज कुमार सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, अश्विनी कुमार चौबे, बिहार के माननीय ऊर्जा मंत्री, बिजेन्द्र प्रसाद यादव और बक्सर से विधान सभा सदस्य माननीय संजय कुमार तिवारी की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया। इस अवसर पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नंद लाल शर्मा, निदेशक (विद्युत), राकेश कुमार बंसल, सीईओ, एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड, एस.सी. अग्रवाल तथा एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि इस परियोजना से लगभग 2400 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। यह परियोजना क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो रोजगार के क्षेत्र के साथ-साथ पूरे क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सहायक सिद्ध होगी। परियोजना वर्ष 2023-24 के दौरान पूरा किए जाने के लिए अभियोजित है।
शर्मा ने आगे बताया कि इस परियोजना में 660 मेगावाट की दो यूनिटें होंगी जिनसे सालाना 9828 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। उन्होंने अपने संकल्प में यह भी कहा कि एसजेवीएन इस परियोजना को तय समय-सीमा के भीतर पूरा कर लेगी तथा सन 2023 तक एसजेवीएन 5000 मेगावाट की एक बड़ी कंपनी बन जाएगी। परियोजना की अभियोजना आधुनिकत्तम पर्यावरणीय मानकों के अनुसार निष्पादनार्थ विशेष खासियतों के साथ की गई है। यह परियोजना सूपर क्रिटीकल प्रौद्योगिकी, शून्य डिस्चार्ज परिकल्पना के लिए क्लोज्ड़ साईकल जल पुनर्चक्रीकरण प्रणाली पर आधारित है। परियोजना के लिए कोयले की सप्लाई का इंतजाम हो गया है और यह कोल इंडिया लि. की एक अधीनस्थ कंपनी सेंट्रल कोल लि. (सीसीएल) द्वारा सप्लाई किया जाएगा जबकि इस परियेाजना के लिए बिजली की निकासी हेतु स्टेट ट्रांसमिशन यूटीलिटी बिहार द्वारा पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। नन्द लाल शर्मा ने बताया कि बिहार सरकार के साथ किए गए बिजली खरीद करार की शर्तों के अनुसार परियोजना राज्य को उत्पादित बिजली का अन्यून 85% उपलब्ध करवाएगी जिससे बिहार में वर्तमान विद्युत परिदृश्य को देखते हुए बिजली की मांग और आपूर्ति की कमी कम होने के साथ-साथ राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।
एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित विद्युत क्षमता 2003 मेगावाट है तथा 4798 मेगावाट की परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। एसजेवीएन ने ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है, जिसमें जल, पवन तथा सौर विद्युत शामिल हैं। कंपनी की ऊर्जा संचरण के क्षेत्र में भी मौजूदगी है।