शिमला: केन्द्रीय जनजातीय विकास राज्य मंत्री जसवंत सिन्ह भाभोर ने कहा कि भारत सरकार हिमाचल प्रदेश को राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों के कल्याण के लिए विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के संचालन के लिए उदार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
आज यहां राज्य जनजातीय विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय सिरमौर जिला के ट्रांस गिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित करने की राज्य की मांग पर साहनुभूतिपूर्वक विचार करेगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार द्वारा उठाई गई मांग के अनुरूप पांगी, भरमौर तथा लाहौल के लिए तीन और एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल स्वीकृत करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किन्नौर जिला में एकलव्य स्कूल निचार का बेहतर संचालन कर रही है और इसके दृष्टिगत केन्द्रीय मंत्रालय राज्य के लिए निश्चित तौर पर तीन और इस प्रकार के स्कूल स्वीकृत करेगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय राज्य जनजातीय विकास विभाग को शिमला में नया जनजातीय अनुसंधान संस्थान भवन के निर्माण के लिए भी धनराशि प्रदान करेगा।
जसवंत सिन्ह भाभोर ने विभाग को जनजातीय छात्रवृति के अन्तर्गत 10वीं कक्षा पूर्व तथा 10वीं कक्षा के उपरान्त छात्रवृतियों के लिए अभी तक प्राप्त प्रस्तावों की सूची भेजने को कहा ताकि केन्द्रीय मंत्रालय इसके अनुसार धनराशि जारी कर सके। उन्होंने 31 दिसम्बर, 2018 से पहले शेष छात्रवृति की सम्भावित सूची भेजने के भी निर्देश दिए जिसके लिए अलग से वित्तीय सहायता जारी की जाएगी।
बैठक में अवगत करवाया गया कि वर्तमान वर्ष के दौरान जनजातीय उपयोजना के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में राज्य को 20 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं, जिन्हें क्रियान्वयन एजेंसियां को आवंटित किया जा चुका है। इसी प्रकार, क्रियान्वयन एजेंसियों को संविधान की धारा-275 (1) के तहत प्राप्त 22 करोड़ रुपये का अनुदान भी जारी किया जा चुका है।
जनजातीय विकास विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने केन्द्रीय मंत्री से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, कचरा प्रबन्धन परियोजनाओं, सिवरेज उपचार संयंत्र, लघु परियोजनाएं, गौ-सदन, मत्स्य फार्म, सब्जी मण्डी तथा पार्किंग इत्यादि विकासात्मक कार्यों को वन अधिकार अधिनियम की धारा-3 (2) में शामिल करने का आग्रह किया।