‘जीणा कांगड़े दा’ के रचियता नहीं रहे…मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध लोक गायक प्रताप चन्द शर्मा की मृत्यु पर जताया शोक

कांगड़ा:  हिमाचली पहाड़ी गीतों के रचियता और गायक प्रताप चंद शर्मा उर्फ प्रतापु का मंगलवार को निधन हो गया। उनका देहावसान 90 वर्ष की आयु में आज कांगड़ा जिले के देहरा में उनके पैतृक गांव नलेटी में हुआ। प्रताप चंद शर्मा का जन्म 23 जनवरी 1927 को परागपुर के समीप नलेटी गांव में हुआ था। प्रताप चंद शर्मा को संगीत की प्रेरणा अपने पिता और घर से ही विरासत में मिली थी। उन्होंने लगभग 200 पहाड़ी गीत लिखे और उन्हें स्वयं ही इन्हें गाया।  प्रताप चंद शर्मा का प्रिय वाद्य यंत्र इक तारा था। प्रताप चंद शर्मा ने लगभग 200 पहाड़ी गीत लिखे।

झुलदे चिलां दे डालु, जीणा कांगड़े दा… हिमाचल का सबसे लोक प्रिय गीत बन गया। वहीं जे तू चला नेफा नौकरी, मेरे गले दे हारे लैंदा जायां और दो नारा आदि कई लोक गीतों की रचना उन्होंने की थी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रसिद्ध लोक गायक तथा कवि प्रताप चन्द शर्मा की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रताप चन्द शर्मा ने राज्य में पारम्परिक लोक संगीत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें लम्बे समय तक याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपने शोक सन्देश में शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।

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