हिमाचल बड़े राज्यों की श्रेणी में शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ

  • शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति से प्राप्त किया पुरस्कार

शिमला: वर्ष 2018 के इंडिया टुडे स्टेट ऑफ स्टेट सर्वेक्षण के तहत भारत के बड़े राज्यों की श्रेणी में हिमाचल प्रदेश को शिक्षा क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन व कार्यान्वयन के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ है। भारत के उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने आज नई दिल्ली में इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा आयोजित स्टेट ऑफ स्टेट्स कॉन्कलेव में यह पुरस्कार शिक्षा सुरेश भारद्वाज को प्रदान किया।

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पुरस्कार प्राप्त करने के उपरान्त मीडिया से बातचीत करते हुए कहा क राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और शैक्षणिक संस्थानों को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 7000 अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को उत्तरदायी बनाया जा रहा है ताकि शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ किया जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक नई योजना अटल आदर्श आवासीय विद्यालय आरम्भ की गई है ताकि विद्यार्थियों को नवीनतम सुविधाओं के साथ गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में से 50 प्रतिशत स्कूल लड़कियों के लिए आरक्षित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ विद्यार्थियों का सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास सुनिश्चित बनाने के भी प्रयास कर रही है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए स्मार्ट कक्षाएं आरम्भ करने के साथ-साथ योग, शतरंज, नैतिक शिक्षा को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि वे अपनी जीवन के रचनात्मक लक्ष्य को चुन सके।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि अखण्ड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती नामक एक नई योजना आरम्भ की गई है। योजना के तहत सरकारी स्कूलों से शिक्षा प्राप्त कर निकले होनहार विद्यार्थी, बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग में प्लेस्मेंट सेल स्थापित किया गया है और नोएडा में ऊष्मायन केन्द्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेधा पुरस्कार योजना के तहत ऐसे पात्र विद्यार्थियों जो मेडिकल, इंजीनिरिंग प्रवेश परीक्षा तथा प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे प्रशासनिक सेवा इत्यादि में कोचिंग के लिए एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना के अन्तर्गत इस वित्त के दौरान पांच करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार तकनीकी व व्यवसायिक शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है और विद्यार्थियों को श्रम बाजार की आश्यकता अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि युवाओं की जिज्ञासा एवं रचनात्मकता बढ़ाने के लिए भारत सरकार के अटल इनोवेशन मिशन के तहत अटल टेंकरिंग लेब स्थापित किए जा रहे हैं, जहां विद्यार्थी उपकरणों के माध्यम से विज्ञान, तकनीकी अभियान्त्रिकी को समझ सकेगे।

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