मुख्य सचिव ने सर्दियों की तैयारियों को लेकर उपायुक्तों से की वीडियो कांफ्रेंस, कहा : जनजातीय क्षेत्रों के लिए हेलीकाप्टर उड़ानों का शीघ्र किया जाएगा प्रबन्ध

  • जनजातीय क्षेत्रों के लिए हेलीकाप्टर उड़ानों का शीघ्र किया जाएगा प्रबन्ध : मुख्य सचिव

शिमला: मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने सर्दियों के मौसम के लिए तैयारियों तथा बरसात के दौरान राज्य को हुए नुकसान के आकलन के लिए केन्द्र सरकार के दल के दौरे की समीक्षा के लिए राज्य के सभी उपायुक्तों के साथ आज यहां वीडियो कान्फ्रेंस की।

उन्होंने ज़िला स्तरीय समितियों को आपदा प्रबन्धन दिशा-निर्देशों तथा स्नो मेनूअल के अनुरूप सर्दियों के लिए तैयारियां करने के लिए इसी माह सम्बद्ध विभागों की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि किसी आपदा के मामले में तत्काल कदम उठाए जा सके। उन्होंने आगजनी की घटनाओं को रोकने के उपायों तथा उपमण्डल स्तर तक मॉकड्रिल करने को कहा। सीमा सड़क संगठन व सीमा सुरक्षा बल, मौसम विभाग, पुलिस विभाग व बीएसएनएल के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने किसी भी घटना की उपयुक्त व तत्काल रिपोर्ट सुनिश्चित करने के लिए विशेषकर जनजातीय तथा दूरदराज के क्षेत्रों में संचार प्रणाली में सुधार करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के जनजातीय ज़िलों के सभी उपमण्डल मुख्यालयों तथा ज़िला मुख्यालयों में वीएसएटी तथा सैटेलाईट फोन प्रदान करेगी। उन्होंने संचार केन्द्रों में वृद्धि करने पर बल दिया और बीएसएनएल को सर्दियों के दौरान बेहतर कनैक्टिविटी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उपायुक्तों को यह सुनिश्चित बनाने को कहा कि विभागों के मध्य अवकाश के दिनों में किसी प्रकार के तालमेल व संचार की कमी न हो तथा प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के दौरान लोगों को एजवाईजरी अथवा सूचना जारी करने के लिए ग्राम पंचायतों को सम्मिलित कर सूचना शिक्षा सम्प्रेषण गतिविधियां प्राथमिकता पर संचालित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सर्दियों के दौरान बेहतर संचार नेटवर्क तथा बचाव व राहत कार्यों के लिए रणनीति तैयार करने के लिए पुलिस महानिदेशक को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करनी चाहिए।

बी.के. अग्रवाल ने कहा कि रोहतांग दर्रा अधिकारिक तौर पर 15 नवम्बर, 2018 से बंद हो जाता है और इसके दृष्टिगत राज्य सरकार लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए शीघ्र जनजातीय क्षेत्रों को हेलीकाप्टर उड़ानों का प्रबन्ध करेगी। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम के दौरान बादल फटने, बाढ़ तथा भू-स्खलन के कारण राज्य में हुए नुकसान का मौके पर आकलन के लिए केन्द्रीय दल 26 व 27 नवम्बर, 2018 को राज्य का दौरा कर रहा है। यह दल कुल्लू, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा तथा चम्बा ज़िलों का दौरा करेगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नन्दा ने संबंधित उपायुक्तों को सड़कों, आईपीएच योजनाओं तथा कृषि क्षेत्र इत्यादि को हुए नुकसान वाले स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए ताकि केन्द्रीय दल को राज्य को हुए नुकसान के बारे में बताया जा सके। उन्होंने प्राकृतिक आपदा के कारण कहीं पर भी फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने तथा बेहतर परिवहन प्रबन्ध सुनिश्चित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन को आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए, जो सर्दियों के दौरान प्रायः अधिक होती है।

उपायुक्तों ने अवगत करवाया कि उनके ज़िलों में राशन, पेट्रोल तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है और सर्दियों के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध पहले ही कर लिए गए हैं। विशेष सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन डी.सी. राणा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन करते हुए अवगत करवाया कि पिछले दो दिनों के दौरान बर्फबारी तथा वर्षा के कारण राज्य के किसी भी भाग में किसी प्रकार के नुकसान की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुए है। उन्होंने कहा कि ज़िला स्तरीय अधिकारियों को उनके क्षेत्र में स्थिति पर नजर रखने, नियमित निगरानी करने तथा उपयुक्त कदम उठाने को कहा गया है।

 

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