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आईडीपी प्रोजेक्ट की बहाली से प्रदेश की वन सम्पदा समृद्धि और रोजगार के खुलेंगे नए द्वार : वन मंत्री

शिमला: हिमाचल प्रदेश के वन विभाग की स्त्रोत स्थिरता एवं जलवायु तन्यक वर्षा आधारित कृषि एकीकृत विकास परियोजना (आई डी पी) की बहाली पर वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसके लिए प्रदेश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर तथा केन्द्रीय वित मन्त्री अरुण जेटली का धन्यवाद किया है। गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि पिछले वर्षों हिमाचल प्रदेश के वनों तथा कृषि के समेकित विकास के लिए वन विभाग द्वारा बनाई गई विश्व बैंक परियोजना जिसकी लागत करीब 700 करोड़ रुपए है की बहाली से प्रदेश के दस जिलों में जहाँ वन विभाग की गतिविधियों से प्रदेश के वनों का संरक्षण होगा वहीं कृषि सम्बन्धी अनेकों स्वरोजगार के अवसर खुलेंगे।

गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि कुछ तकनिकी बाधाओं के कारण इस परियोजना को विश्वबैंक ने बिना प्रदेश सरकार की सहमती से एक अन्य योजना में समायोजित करने का एकतरफा फैसला लिया था। लेकिन बाद में इसे पूर्ण रूप से बन्द करने का निर्णय ले लिया, जिससे प्रदेश के दस जिलों की करीब 500 से अधिक ग्राम पंचायतें प्रभावित हो रही थी। वहीं 400 से अधिक कर्मचारियों के रोजगार पर संकट आ गया था। मामला जानकारी में आने पर प्रदेश सरकार ने तुरन्त इस परियोजना की बहाली का मुद्दा केन्द्र सरकार के समक्ष उठाया, जिसमे प्रदेश के माननीय मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर ने स्वयं पहल करते हुए न केवल केन्द्रीय मन्त्री अरुण जेटली जी से पत्राचार किया अपितु स्वयं मिलकर भी यह विषय उठाया जिसका परिणाम यह हुआ कि विश्व बैंक ने इस परियोजना को स्वीकार करने की पुष्टि कर दी है तथा जल्द ही इस सन्दर्भ में विश्व बैंक के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित कर दिया जाएगा।

गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि परियोजना की बहाली से सम्बन्धित पत्र भारत सरकार द्वारा विश्व बैंक को 13 नवम्बर को जारी कर दिया गया है तथा जल्द ही यह परियोजना धरातल पर उतरकर प्रदेश के विकास का एक नया अध्याय लिखेंगे।

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