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रामपुर: सर्किट कोर्ट को 18 साल बाद मिली मंजूरी, 2000 में कर दिया था बंद

रामपुर: लंबी जद्दोजहद के बाद आनी खंड के हजारों लोगों को राहत मिली है। प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर 18 साल से चल रही सर्किट कोर्ट की मांग पूरी हो गई है। निरमंड तहसील की 26 पंचायतों को सिविल कोर्ट सुविधा केवल चार वर्ष ही मिल पाई थी, लेकिन अब ग्रामीणों को सैकड़ों किलोमीटर का सफर नहीं करना पड़ेगा। गौर रहे कि निरमंड ब्लॉक में आनी सिविल जज का सर्किट कोर्ट 1996 से लेकर 2000 तक चला था। वर्ष 2000 में सतलुज नदी में बाढ़ आने से क्षेत्र के पुल और मार्ग बाधित हो गए थे, जिस कारण निरमंड सर्किट कोर्ट को बंद कर दिया गया था।

इसके बाद निरमंड तहसील की 26 पंचायतों के ग्रामीणों को करीब 200 किलोमीटर का सफर तय कर आनी पहुंचना पड़ता था। ऐसे में बर्फबारी के मौसम में भी मार्ग बाधित होने से लोगों को कोर्ट संबंधी कार्यों के लिए आनी पहुंचने में काफी परेशानियां झेलनी पड़ती थी। लेकिन अब 18 वर्ष के बाद प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद इसे बहाल कर दिया गया है। निरमंड में सिविल जज आनी का सर्किट कोर्ट शुरू करने पर स्थानीय वकीलों, निरमंड ब्लॉक के समस्त पंचायत प्रधानों, ब्लॉक समिति सदस्यों और समाज सेवी संस्थाओं ने प्रदेश उच्च न्यायालय का आभार जताया है। बार एसोसिएशन निरमंड के अध्यक्ष सीएल डोगरा ने बताया कि प्रदेश हाई कोर्ट के आदेशों के बाद सिविल जज आनी को निरमंड सर्किट कोर्ट लगाने को मंजूरी मिली है।

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