हिमाचल: सरकारी स्कूलों में शिक्षकों-गैर शिक्षकों को चार अप्रैल तक अवकाश

छात्र-छात्राएं अपने सहपाठी व दोस्त की नशे की लत से संबंधित सूचना बाल मित्र अध्यापक को दें

  • किसी भी विद्यार्थी द्वारा बाल मित्र को दी गई इस प्रकार की सूचना को गोपनीय रखा जाएगा
  • राज्य के सभी पाठशालाओं में दो अध्यापकों को बनाया बाल मित्र, जो प्रत्येक बच्चे की गतिविधियों पर रखेंगे नज़र

शिमला: हिमाचल प्रदेश में विशेषकर युवाओं को नशे की बुराई से दूर रखने के राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राज्य के सभी पाठशालाओं में दो अध्यापकों को बाल मित्र बनाया गया है जो प्रत्येक बच्चे की गतिविधियों पर नज़र रखेंगे।

इस संबंध में जानकारी देते हुए हि.प्र. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष किरण धान्टा ने आज यहां बताया कि युवा वर्ग को नशे अथवा बुरी संगत से दूर रखने बारे आयोग द्वारा राज्य में अभियान चलाया जा रहा है। आयोग इस अभियान को ‘आओ दोस्ती निभाएं, नशे को दूर भगाएं’ उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान में स्कूली छात्र-छात्राओं की अह्म भूमिका है। ये छात्र-छात्राएं अपने सहपाठी अथवा दोस्त को किसी भी परेशानी अथवा गलत संगत या फिर नशे की लत से संबंधित सूचना संबंधित पाठशाला में बाल मित्र अध्यापक को दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि समय पर बच्चे की बुरी आदतों की सूचना प्राप्त होने पर उसकी काउंसलिंग करवाकर उसका जीवन खराब होने से बचाया जा सकता है।

किरण धांटा ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी द्वारा बाल मित्र को दी गई इस प्रकार की सूचना को गोपनीय रखा जाएगा। इस प्रकार की सूचना बाल मित्र के अलावा राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग को भी दी जा सकती है। आयोग ऐसे बच्चों के जीवन में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अभिभावक भी अपने बच्चे के संबंध में इस प्रकार की सूचना बाल मित्र अथवा आयोग को दे सकते हैं।

उन्होंने सभी स्कूली छात्र-छात्राओं से तथा अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चे की गलत संगति अथवा नशे में लिप्तता संबंधी सूचना को कतई छिपाए नहीं, बल्कि बच्चे को नशे के दलदल से निकलने में मदद करें।

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