शिमला: कांग्रेस ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से अधिकार वापस लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजने के सरकार के कदम के खिलाफ शुक्रवार को शिमला स्थित सीबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शिमला स्थित सीबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। धरना कांग्रेस प्रदेश प्रभारी और पूर्व सांसद रजनी पाटिल की अगुवाई में किया गया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता सीटीओ चौक से होते हुए माल रोड पहुंच गए। कांग्रेसियों ने यहां धारा-144 तोड़ी और कांग्रेस के आधा दर्जन विधायकों सहित पार्टी प्रभारी रजनी पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने प्रदर्शन में मौजूद कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ थाना सदर में एफआईआर दर्ज कर दी है। डीएसपी हेडक्वार्टर प्रमोद शुक्ला ने इसकी पुष्टि की है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगी है। लोकपाल की नियुक्ति आज तक नहीं हुई। लोकपाल बिल को कमजोर कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भी कामकाज को लेकर घुटन महसूस कर रहे हैं। बीते दिनों जजों के सामने आकर अपनी समस्याओं को लेकर प्रेस वार्ता करना इसका उदाहरण है।
सीबीआई निदेशक को हटाने की सच्चाई जगजाहिर हो चुकी है। मोदी सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को इसलिए हटा दिया, क्योंकि वह राफेल डील घोटाले की जांच को तैयार हो गए थे। सुक्खू ने कहा कि अगर वर्मा जांच करते तो सरकार की पोल खुल जाती और विमान खरीद का सबसे बड़ा घोटाला परत दर परत उजागर होता। यह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को नागवार गुजरा और उन्होंने सीबीआई निदेशक को ही रातों रात हटा दिया।
रजनी पाटिल ने कहा कि राफेल डील मामले में कुछ न कुछ तो गलत हुआ है। सीबीआई के चीफ को हटाने का काम तीन लोगों की कमेटी करती है जिसमें प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल होते हैं लेकिन पीएम मोदी ने बिना इनके मशवरे के सीबीआई के मुखिया को हटाया। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है।