मंडी में राज्य हिमकोस्ट व आईआईटी मंडी द्वारा विज्ञान कांग्रेस का उत्तरी कैंपस 22 व 23 अक्टूबर को : कुनाल सत्यार्थी

  • कार्यक्रम ग्रामीण नवोन्मेष पर काम करने वाले सभी लोगों के लिए करेगा एक मंच प्रदान
  • ग्रामीण परिवर्तन के लिए प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों / उत्पादों में आधुनिक प्रगति और भविष्य के रुझानों पर भी होगी चर्चा
  • सात विषयगत क्षेत्रों पर होंगे वैज्ञानिक सत्र आयोजित, जिसके लिए विशेषज्ञों व निर्णायकों को देश के प्रमुख वैज्ञानिक संगठनों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों से बुलाया गया है
 हिमकोस्ट के संयुक्त सदस्य, सचिव जैव विविधता बोर्ड कुनाल सत्यार्थी

हिमकोस्ट के संयुक्त सदस्य, सचिव जैव विविधता बोर्ड कुनाल सत्यार्थी

शिमला: पहाड़ी क्षेत्र के लिए विशिष्ट समस्याओं के लिए ग्रामीण नवोन्मेष क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए, हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिमकोस्ट) और आईआईटी मंडी संयुक्त रूप से तीसरी हिमाचल प्रदेश विज्ञान कांग्रेस का “विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण उत्थान” विषय पर 22 और 23 अक्टूबर, 2018 को उत्तरी कैंपस, आईआईटी मंडी में आयोजित करने जा रहे हैं। हिमकोस्ट के संयुक्त सदस्य, सचिव जैव विविधता बोर्ड कुनाल सत्यार्थी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष की कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण पहाड़ी इलाकों में लोगों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं की पहचान के आधार पर संभावित समाधानों की खोज करना है।

उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम ग्रामीण नवोन्मेष पर काम करने वाले सभी लोगों के लिए एक मंच प्रदान करेगा और ग्रामीण परिवर्तन के लिए प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों / उत्पादों में आधुनिक प्रगति और भविष्य के रुझानों पर चर्चा करेगा।

इस कार्यक्रम में आने वाले 500 प्रतिभागियों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के वैज्ञानिकों, हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ पड़ोसी उत्तर भारतीय राज्यों में 99 प्रतिष्ठित अकादमिक और शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और शोधकर्ता दो दिनों के विचार-विमर्श के दौरान आईआईटी मंडी में शामिल होंगे। यह कांग्रेस विभिन्न संगठनों के शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों द्वारा मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों द्वारा समकालीन मुद्दों पर लोकप्रिय व्याख्यान पेश करेगी।

सत्यार्थी ने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों और गैर सरकारी संगठनों के नवप्रवर्तनकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और डिजाइनों के प्रदर्शन के लिए, विभिन्न ग्रामीण प्रौद्योगिकियों की एक प्रदर्शनी “विज्ञान मेला” के रूप में स्थापित की जाएगी। कांग्रेस का एक और आकर्षण “उद्योग पैनल चर्चा” और इस कांग्रेस के विषय “विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण उत्थान” के बारे में विस्तृत चर्चाओं के रूप में होगा।

उन्होंने कहा कि सात विषयगत क्षेत्रों पर वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए जाएंगे जिसके लिए विशेषज्ञों और निर्णायकों को देश के प्रमुख वैज्ञानिक संगठनों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों से बुलाया गया है। प्रत्येक सत्र में सर्वश्रेष्ठ मौखिक और पोस्टर को पुरुस्कार दिए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश विज्ञान कांग्रेस से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवोन्मेष के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने की उम्मीद है और हिमाचल प्रदेश और भारत के विभिन्न हिस्सों से हितधारकों के बीच एक उत्पादक वार्तालाप शुरू करेगा।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *