शिमला में 5 अक्तूबर को हिमालयी राज्यों का सम्मेलन : बी.के. अग्रवाल

  • सम्मेलन में हिमालयी राज्यों के मुख्यमत्रीं और सांसद लेंगे भाग
  • सम्मेलन दो चरणों में होगा आयोजित
  • पहले चरण में 3-4 अक्टूबर को शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन जबकि द्वितीय चरण में 5 अक्टूबर को होटल पीटरहोफ शिमला में

शिमला: मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने कहा कि ‘हिमालयी लोगों की भावी पीढ़ी का कल्याण’ विषय पर हिमालयी प्रदेशों का सम्मेलन आगामी 5 अक्तूबर को शिमला में आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन में हिमालयी राज्यों के मुख्यमत्रीं और सांसद भाग लेंगे। अग्रवाल ने यह जानकारी आज यहां सम्मेलन के प्रबंधों को लेकर बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

बैठक में प्रधान सचिव हि.प्र. पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आर.डी. धीमान, हिमकोस्ट के सदस्य सचिव कुनाल सत्यार्थी, हि.प्र. पर्यटन विकास निगम की प्रबंध निदेशक कुमुद सिंह, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक शिमला ओमापति जमवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिमकोस्ट), शिमला के द्वारा एकीकृत माउंटेन पहल (आईएमआई) और शुलिनी विश्वविद्यालय, सोलन, के साथ संयुक्त भागीदारी में हिमाचल प्रदेश सरकार,  5 अक्टूबर को होटल पीटरहॉफ शिमला में “हिमालयी लोगों के अगली पीढ़ी के कल्याण” विषय पर “हिमालयी राज्यों का कॉन्क्लेव” आयोजन कर रहा है।

आईएमआई एक नागरिक समाज आंदोलन है जो हिमालयी पर्वतों के 10 भारतीय पहाड़ी राज्यों को एकजुट करता है,  इन राज्यों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और असम के पहाड़ी जिलों के साथ दृष्टिकोण साझा करता है तथा  “भारत के लोगों को हमारे पहाड़ों पर गर्व है”।

यह समाज भारतीय हिमालयी क्षेत्र में ऐतिहासिक घटनाओं को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो सकारात्मक नीति बनाने में फायदेमंद रहा है। लगभग नौ साल पहले, हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार ने 29-30, अक्टूबर 2009 को “भारतीय हिमालय: ग्लेशियर, जलवायु परिवर्तन और आजीविका” पर आधारित एक सम्मेलन “हिमालयी राज्यों का कॉन्क्लेव” का आयोजन किया था। कॉन्क्लेव के परिणामस्वरूप ‘जलवायु परिवर्तन और हिमालयी विकास पर शिमला घोषणा’ और हिमालयी पर्यावरण की सामान्य चुनौतियों और इसकी जनसंख्या/ आबादी के कल्याण पर सामूहिक कार्रवाई की मांग हुई। हिमाचल प्रदेश भारत में एकमात्र ऐसा राज्य हैं जहां पर हिमालयी राज्य संवाद दो बार आयोजित किया गया है।

यह सम्मेलन दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में शूलिनी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश में 3-4 अक्टूबर, 2018 को पेशेवर विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

द्वितीय चरण में होटल पीटरहोफ, शिमला में 5 अक्टूबर 2018 को सभी हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और संसद सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक हिस्सा बनेंगे। हिमालयी लोगों की अगली पीढ़ी के कृषि संचालित कल्याण के केंद्रीय विषय के अलावा, कॉन्क्लेव में विचार-विमर्श के दौरान, दो प्रमुख क्षेत्रों यानी जलविद्युत परियोजना और सतत पर्यटन विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी ।

कॉन्क्लेव माननीय केंद्रीय मंत्रियों राधा मोहन सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और केरेन रिजजू, गृह राज्य मंत्री, कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश के अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री चोना मी (Chowna Main) के साथ सी. एम. चांग, मंत्री (वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री) नागालैंड, सोमनाथ पाउडियाल कृषि मंत्री सिक्किम, प्रणजीत सिंह रॉय, कृषि मंत्री त्रिपुरा, सुबोध यूनियल माननीय कृषि मंत्री उत्तराखंड, मेटबाह लिंगदोह (Metbah Lyngdoh) मंत्री (पर्यटन) मेघालय। अन्य मंत्रियो ने भी कॉन्क्लेव में भाग लेने की उम्मीद है।

सम्मेलन में भारतीय हिमालयी राज्यों से संसद सदस्यों और विधानसभाओं का व्यापक प्रतिनिधित्व भी होगा।

प्रिंसिपल सचिवों सहित कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी,  कृषि विभाग, बागवानी, पशुपालन, रिमोट सेंसिंग और पर्यावरण विभाग के निदेशक, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला, शुलिनी विश्वविद्यालय, सोलन, शिमला विश्वविद्यालय, मेहली, शिमला और  Eternal  University, बरू साहिब, सिरमौर के कुलपति सहित कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

इस सम्मेलन के द्वारा भारतीय हिमालयी क्षेत्र में संपन्न पहाड़ी समुदाय के द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के मुख्यधारा में लाने हेतु और साझा संसाधनों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से लोगों के बेहतर कल के लिए प्रयासों के साथ- साथ पारस्परिक रूप से स्वीकार्य संयुक्त कार्य योजना बनाने की इच्छा रखता है।

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