अनुच्छेद 370 के खिलाफ याचिका पर शीघ्र सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

आधार संवैधानिक: बैंक खाते, मोबाइल कनेक्शन, स्कूलों के लिए आधार जरूरी नहीं

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बदलावों के साथ पहचान पत्र आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बैंक खाते खोलने, स्कूलों में दाखिले या मोबाइल कनेक्शन हासिल करने जैसे मामलों में आधार नंबर की जरूरत नहीं होगी। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की एक पांच सदस्यीय पीठ ने आधार अधिनियम की धारा 57 को रद्द कर दिया, जो निजी कंपनियों को अपनी सेवाओं तक पहुंच के लिए लोगों से उनके आधार नंबर की मांग करने की इजाजत देती थी।

5 में से 4 जजों ने कहा- आधार संवैधानिक

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”आज तक हमने आधार अधिनियम में ऐसा कुछ नहीं पाया है जो किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार का उल्लंघन करता हो। ” पीठ की ओर से न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी ने फैसला पढ़ते हुए आधार कानून के उस प्रावधान को भी रद्द कर दिया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाले से आधार डेटा साझा करने की इजाजत देता था। न्यायमूर्ति ए. एम. खान विलकर, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति सीकरी के बहुमत के फैसले ने धन विधेयक के प्रावधानों को मंजूरी दे दी। फैसले में कहा गया, “हमारा यह मानना है कि आधार योजना के तहत जुटाए गए डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं।”

  • मोबाइल कनेक्शन और बैंक खातों के लिए आधार लिंक करना असंवैधानिक

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, “मोबाइल कनेक्शन जारी करने और बैंक खाता खोलने के लिए आधार को लिंक करना असंवैधानिक है।” एक अलग फैसले में न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार अधिनियम को धन विधेयक के तौर पर नहीं देखा जा सकता। एक ऐसा विधेयक जो कि धन विधेयक नहीं है, उसे धन विधेयक के रूप में पारित करना संविधान के साथ धोखा है। उन्होंने यह भी कहा कि आधार योजना के तहत जुटाए गए डेटा के बल पर लोगों की निगरानी का एक जोखिम भी है और इस डेटा का दुरुपयोग भी किया जा सकता है। बता दें कि सरकार ने बैंक अकाउंट और मोबाइल जैसी तमाम सुविधाओं के लिए आधार को अनिवार्य किया था।

कहां पर आधार जरुरी नहीं

  •  स्कूल में दाखिले के लिए आधार जरूरी नहीं, यानि CBSE, NEET के लिए आधार जरूरी नहीं है।
  • सर्वशिक्षा अभियान के लिए जरूरी नहीं है।
  • बैंक में खाता खोलन के लिए आधार जरूरी नहीं है।
  • नया मोबाइल नंबर लेने के लिए आधार जरूरी नहीं है।
  • मोबाइल वॉलेट के लिए भी उस एप को आधार से लिंक करना जरूरी नहीं है।

कहां आधार देना जरुरी

  • पैन को आधार से लिंक करना जरूरी है।
  • आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आधार जरूरी।
  • कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने और सरकार से मिलने वाली सब्सिडी लेने के लिए आधार कार्ड जरूरी।

क्या है आधार एक्ट की धारा 57?

सुप्रीम कोर्ट ने आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैद्य माना है। सबसे बड़ी बात यह रही कि आधार कानून की धारा 57 को खत्म कर दिया है। आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आधार की कानूनी मान्यता बरकरार रखी है। लेकिन आधार एक्ट के कई प्रावधानों में बदलाव किए गए है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को रद्द कर दिया। प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकती हैं। आधार को बैंक खाता नंबर से लिंक करने की अनिर्वाता को भी सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि आयकर दाखिल करने और PAN को आधार के साथ लिंक करना जरूरी है।

धारा 57 के अनुसार सिर्फ राज्य ही नहीं बल्कि बॉडी कॉरपोरेट या फिर किसी व्यक्ति को आइडेंटिफिकेशन के लिए आधार कार्ड मांगने का अधिकार नहीं है। इस प्रावधान के तहत मोबाइल कंपनी, प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर्स के पास वैधानिक सपोर्ट था जिससे वो पहचान के लिए आपका आधार कार्ड मांगते थे।

आपको बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई की जिनमें आधार को निजता के मौलिक अधिकार का हनन बताया गया। साथ ही इनमें, अलग-अलग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने को भी चुनौती दी गई थी। इस मामले पर सरकार की दलील है कि आधार से योजनाएं असल ज़रूरतमंदों तक पहुंचीं साथ ही आर्थिक धोखधड़ी पर भी लगाम लगी।

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