- ई-नाम योजना उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले उत्पादों की बिक्री कर बढ़िया दाम जल्द उपलब्ध करवाने में सहायक : डा. देसराज
- प्रदेश की 19 मंडियां ई-नाम से जुड़ी : प्रबंध निदेशक आर. के. कौडल
- प्रबंध निदेशक ने विभिन्न जिलों के farmer Procedure organiastion के प्रतिनिधियों को ई-नाम से पंजीकरण की विधि बताई
- कृषकों व फल उत्पादक संघ के प्रतिनिधियों का अनारदाने की बिक्री, फूलों की खेती, जैविक उत्पाद को भी ई-नाम पोर्टल पर डालने का अनुरोध
शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा आज राष्ट्रीय कृषि बाजार पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश के विभिन्न कृषक उत्पादक संघ (फार्मर प्रोडूयसर ऑगेनाईजेशन) को ई-नाम (e-NAM) योजना से अवगत करवाना है।
कार्यशाला की अध्यक्षता निदेशक कृषि डा. देसराज शर्मा ने की तथा कहा कि ई-नाम किसानों, बागवानों व व्यापारियों के लिए एक बहुउपयोगी योजना है जो उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले उत्पादों की बिक्री कर उन्हें बढ़िया दाम जल्द उपलब्ध करवाने में सहायक है।
उन्होंने कहा कि ई-नाम द्वारा समस्त किसान अपने उत्पाद की बिक्री के लिए अधिकतम विकल्प आश्वस्त करता है तथा सभी व्यापारियों को राष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने का अवसर प्रदान करता है। इस प्लेटफार्म द्वारा किसान को अधिक खरीददार, लेन-देन में लागत में कमी, मूल्यों में प्रतिस्पर्धा व पारदर्शिता के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा, जिससे उनकी आर्थिकी में और अधिक सुधार होगा।
प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड आर.के. कौडल ने बताया कि प्रदेश की 19 मंडियां ई-नाम से जुड़ चुकी है तथा प्रदेश में सेब के अतिरिक्त अन्य उत्पादों की बिक्री शुरू हो गई है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न जिलों के एफपीओ (farmer Procedure organiastion) के प्रतिनिधियों को ई-नाम से पंजीकरण की विधि बताई तथा उनकी समस्याओं व सुझावों को भी सुना।
- जीरो बजट फार्मिंग के तहत उत्पन्न होने वाले उत्पादों की बिक्री के लिए भी उपलब्ध होगी मार्केट : आजाद सिंह
परियोजना प्रबंधक, ई-नाम एसएमएससी दिल्ली आजाद सिंह ने कहा कि ई-नाम पोर्टल के माध्यम से जीरो बजट फार्मिंग के अंतर्गत उत्पन्न होने वाले पर्याप्त उत्पादों की बिक्री के लिए भी मार्केट उपलब्ध करवाई जा सकेगी।
अभिषेक पांडे व्यापार विशेषज्ञ ने अपनी प्रस्तुति में देश व प्रदेश में ई-नाम पोर्टल से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। नाबार्ड के प्रबंध निदेशक ने प्रदेश में एफपीओ को ई-नाम पोर्टल से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यशाला में उपस्थित कृषकों व फल उत्पादक संघ के प्रतिनिधियों ने अनारदाने की बिक्री, फूलों की खेती, जैविक उत्पाद को भी ई-नाम पोर्टल पर डालने का अनुरोध किया।