प्रश्न : सर डेंगू कितने तरह का होता है?
उत्तर : डेंगू तीन तरह का होता है:-
- क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
- डेंगू हैमरेजिक बुखार (DHF)
- डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
सामान्य तौर पर डेंगू की दो स्टेज होती है। एक सीवियर (Severe) और दूसरी माइल्ड (Mild) स्टेज। सीवियर डेंगू एक हैमरेजिक फीवर है। तीनों में से दूसरे और तीसरे तरह का डेंगू खतरनाक होता है।
प्रश्न : सर डेंगू की जांच के लिए कौन-कौन से टेस्ट किये जाते हैं?
उत्तर : यदि शुरू में कोई टेस्ट नहीं करवाया है और 6-7 दिन से बुखार है तो इसमें डाक्टर एंटीबॉडी टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। डेंगू का (Diagnosis) पहचान करने के लिए एलाइजा टेस्ट करवाया जाता है। इसके अलावा पीसीआर (पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) टेस्ट से भी डेंगू की जांच की जाती है तथा रूटीन ब्लड टेस्ट करवाए जाते हैं। क्योंकि इस बुखार से श्वेत रक्तकण और प्लेटलेटस भी कम हो जाते हैं। शरीर में पानी की मात्रा भी कम हो जाती है और हिमेटोकरिट ज्यादा हो जाते हैं।
प्रश्न : डेंगू होने पर कौन-कौन सी दवाई देनी चाहिए?
उत्तर : पहली बात जो मैं स्पष्ट करना चाहूँगा वो ये कि अपने आपसे कभी भी किसी भी बीमारी की स्थिति में कोई भी दवाई इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। जब तक आप को डॉक्टर न कहे। हाँ, डॉक्टर की सलाह लेकर डेंगू होने पर बुखार के लिए पैरासिटामोल दे सकते हैं। परन्तु एस्प्रिन व डिस्प्रिन बिल्कुल न लें। इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं।
प्रश्न : डेंगू से कैसे बचाव किया जा सकता है?
उत्तर : सबसे जरूरी बात मैं आपको बताना चाहूंगा कि डेंगू से बचने के लिए एडीज मच्छरों को पैदा होने से रोकना। यह बरसात के दिनों में ज्यादा फैलता है। घरों के आसपास पानी को न ठहरने दें। टूटे-फूटे टायर बरसात में ड्राई रखें। मच्छर दूर भगाने के लिए क्रीम का प्रयोग करें। जब भी घर से बाहर निकलें शरीर ढंककर निकलें। मच्छर के लिए इन्कसेकटीसाईट मोस्कीटो नेट इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने आपसे केमिस्ट से कोई भी दवाई न लें। इधर-उधर की बातों में न आयें और डेंगू से डरे नहीं। वहीं खुद के इलाज और दवाई से बचें और सीधे डॉक्टर से संपर्क करें। मच्छरों से बचने का हर सम्भव प्रयास करना चाहिए जैसे मच्छरदानी लगाना, पूरी बांह के कपड़े पहनना, मोजों के साथ जूते पहनकर घर से बाहर निकलना इत्यादि। ध्यान रहे कि डेंगू का मच्छर दिन के समय ही काटता है, इसलिए दिन में खुद को मच्छरों से बचाएं। खासतौर पर घर में कूलर, गमलों के पानी के लिये रखे बर्तनों आदि का पानी साफ रखें। घर में पानी की टंकियों को अच्छी तरह से ढंककर रखें। 5 दिन से अधिक समय तक बुखार होने पर रक्त जांच ज़रूर करा लें और डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रश्न : डॉक्टर यह बताएं कि डेंगू का क्या ईलाज है?
उत्तर : डेंगू से बचाव ही इसका ईलाज है। सामान्य डेंगू को आराम करके, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेकर और अपने आस-पास साफ-सफाई रखकर आसानी से ठीक किया जा सकता है। मगर सीवियर (Severe) डेंगू का अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं खोजा गया है। आमतौर पर सीवियर डेंगू के मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल में डॉक्टर के परामर्श अनुसार भर्ती करवाकर मरीज को आवश्यकता अनुसार ट्रीटमेंट दिए जाते हैं। डेंगू के बचाव के लिए कोई खास तकनीक उपलब्ध नहीं हो पाई है लेकिन इसके लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
प्रश्न : डॉक्टर साहब यह भी बताएं कि डेंगू के मरीज को खान-पान में कोई विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है?
उत्तर : खाने-पीने में कोई परहेज़ नहीं है। इसमें मरीज को पानी ज्यादा पिलायें। सूप, ताजे फलों का जूस, दाल का पानी अर्थात् ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन कराएं और भरपूर आराम करने दें। डेंगू अपने आपमें ठीक होने वाली बीमारी है। डेंगू होने पर बिल्कुल न घबराएं।
प्रश्न : डेंगू में प्लेटलेट्स की क्या भूमिका है? प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत है या नहीं इसके बारे में आप क्या कहेंगे?
उत्तर : आमतौर पर एक तंदुरुस्त आदमी के शरीर में डेढ़ से चार लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स बॉडी की ब्लीडिंग रोकने का काम करती हैं। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 5 से 10 हजार तक या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
डेंगू में शरीर पर लाल रेशेश पड़ जाते हैं तो प्लेटलेट्स काउंट के लिए टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। डेंगू में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत है या नहीं, यह सब मरीज की रक्त जांच के बाद ही बताया जा सकता है। अगर प्लेटलेट्स 5 से 10 हजार से नीचे आ जाएं तो उस अवस्था में दोबारा अस्पताल में दिखा लेना चाहिए।
वहीं एक बात मैं आपके माध्यम से अभिभावकों से कहना चाहूँगा कि बरसात के मौसम में अपने बच्चों को घर से बाहर पूरे कपड़े और जूते पहनाकर भेजें। ध्यान दें जहां बच्चे खेलते हों, वहां आस-पास गंदा पानी न जमा हो। बरसात के मौसम में अपने आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखें और पानी उबाल कर ही पिएं।