मॉनसून सत्र : अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान उठा आउटसोर्स कर्मियों का मामला

शिमला : विधानसभा मॉनसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान आउटसोर्स कर्मियों का मामला उठा। ठियोग के विधायक कॉमरेड राकेश सिंह, शिलाई के कांग्रेसी विधायक हर्षवर्धन चौहान व नाचन के बीजेपी विधायक विनोद कुमार ने संयुक्त सवाल में पूछा कि सचिवालय सहित विभिन्न विभागों में 15 फरवरी 2018 तक कितने कर्मचारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त किए गए और इन कर्मियों के वेतन निर्धारण का फार्मूला क्या है? साथ ही सरकार क्या इन कर्मियों के लिए कोई ठोस नीति बनाएगी?

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सवाल का जवाब देते हुए बताया कि 15 फरवरी 2018 तक ठेकेदार के माध्यम से आउटसोर्स के आधार पर लगभग 8731 कर्मी कार्यरत थे। जिनमें से सरकारी विभागों में 5048 कर्मी नियुक्त किए है जबकि बोर्डों में 2893 व निगमों में 790 कर्मी आउटसोर्स आधार पर नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि आउटसोर्स कर्मियों के वेतन का कोई मानक फार्मूला निर्धारित नहीं है। सरकार ने ठेकेदार के साथ कुछ मानक तय किए है उसी के तहत ये कर्मी रखे गए है। यदि आउटसोर्स कर्मियों का शोषण होता है तो सरकार ऐसे ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्ररवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों के लिए फ़िलहाल नीति बनाने का कोई विचार नहीं है तथा आरक्षण का भी प्रावधान नहीं है। गत तीन वर्षों में आउटसोर्स कर्मियों के लिए दो सौ पच्चीस करोड़ अठासी लाख छब्बीस हज़ार चार सौ पंचानवे रुपये धनराशि ठेकेदार को दी गई।

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